अब यूपी में परफार्मेंस के आधार पर होगा बीएसए व बीईओ का मूल्यांकन, तय किए परफॉर्मेंस इंडिकेटर
उत्तर प्रदेश में प्रमोशन और वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में शानदार एंट्री के लिए अब बीएसए और खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) का वरिष्ठ अधिकारियों की गणेश परिक्रमा करने से काम नहीं चलेगा।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में प्रमोशन और वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में शानदार एंट्री के लिए अब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) और खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) का वरिष्ठ अधिकारियों की गणेश परिक्रमा करने से काम नहीं चलेगा। अब उनके कामकाज का मूल्यांकन परफॉर्मेंस के आधार पर होगा। बीएससी और बीईओ को काम की कसौटी पर आंकने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्य दक्षता संकेतक (परफॉर्मेंस इंडिकेटर) तय किए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है।
खंड शिक्षा अधिकारियों के रिपोर्टिंग अफसर बीएसए होते हैं। बीएसए मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) को रिपोर्ट करते हैं। कई बीएसए और बीईओ वरिष्ठ अधिकारी की जी हुजूरी और खुशामद करके अपनी एसीआर में बढिय़ा एंट्री दर्ज कराने में कामयाब हो जाते हैं। भले ही काम के मोर्चे पर उनका प्रदर्शन संतोषजनक न हो। इस विसंगति को दूर करने के लिए शासन ने बीएसए और बीईओ के लिए कार्य दक्षता संकेतक तय किए हैं।
बीएसए के लिए तय किए गए कार्यक्षमता संकेतक में कुल 20 बिंदु हैं जिनके लिए अधिकतम 100 अंक तय किए गए हैं। खंड शिक्षा अधिकारियों को 17 बिंदुओं पर खुद को खरा साबित करना होगा। इन 17 बिंदुओं के लिए भी अधिकतम 100 अंक हैं।
बीएसए के कार्य दक्षता संकेतक
नंबरों के आधार पर एसीआर में दर्ज होगी एंट्री उत्कृष्ट : 90 फीसद से अधिक अंक अति उत्तम : 71 से 90 फीसद उत्तम : 61 से 70 फीसद संतोषजनक : 50 से 60 फीसद खराब : 50 फीसद से कम