अब लखनऊ की गलियों में दौड़ेगी नियो मेट्रो, एलिवेटेड ट्रैक पर Two Wheelers के साथ भरेगी रफ्तार

लखनऊ में अब एलीवेटेड ट्रैक पर मेट्रो नियो के साथ कार व दो पहिया चल सकेंगे। मेट्रो के भीतर व दुकानों से खरीद सकेंगे टिकट टक्कररोधी होंगे कोच।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 16 Nov 2019 07:54 AM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 07:23 AM (IST)
अब लखनऊ की गलियों में दौड़ेगी नियो मेट्रो, एलिवेटेड ट्रैक पर Two Wheelers के साथ भरेगी रफ्तार
अब लखनऊ की गलियों में दौड़ेगी नियो मेट्रो, एलिवेटेड ट्रैक पर Two Wheelers के साथ भरेगी रफ्तार

लखनऊ [अंशू दीक्षित]।  हर शहर की जरूरत मेट्रो होती जा रही है। दस लाख आबादी से ऊपर वाले शहर में मेट्रो चाहिए, लेकिन बजट को देखते हुए राज्य व केंद्र सरकार इसे संचालित करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। ऐसे में मेट्रो नियो नई उम्मीद लेकर भारत में आई है। यह भारत में ऐसी मेट्रो होगी, जिसे गलियों में बैटरी से चलाया जा सकेगा। पब्लिक को टिकट लेने व तलाशी के लिए मेट्रो की तरह लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। मेट्रो के भीतर मशीन से टिकट खरीदें या फिर प्रोविजन स्टोर पर। खास बात होगी कि जरूरत पडऩे पर जिस एलीवेटेड ट्रैक पर इसे चलाया जाएगा, उस पर दो व चार पहिया वाहन भी चलाए जा सकेंगे। 

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित अर्बन मोबिलिटी इंडिया कांफ्रेंस में महाराष्ट्र मेट्रो रेल कारपोरेशन से आए एमडी ब्रजेश दीक्षित की टीम ने मेट्रो नियो पर प्रजेंटेशन दिया। विशेषज्ञों ने बताया कि नियो संकरी गलियों में इसलिए चलाई जा सकती हैं क्योंकि इसके कोच 12 मी., 18 मी. और 24 मीटर के होते हैं। इसमें मेट्रो की तरह सिगनल की कोई जरूरत नहीं होती। आठ मीटर चौड़े रूट पर इसे आसानी से चलाया जा सकता है। एलिवेटेड ट्रैक पर सुरक्षा की दृष्टि से बैरियर लगाकर दौड़ाया जा सकता है। 12 टन के कोच वाली मेट्रो को अधिकतम 65 किमी. प्रति घंटे की गति से दौड़ाया जा सकेगा। 

ट्रैफिक में एलिवेटेड रूट देगा राहत 

ट्रैफिक के कारण लोहे की रॉड पर चलने वाली मेट्रो नियो के एलिवेटेड रूट पर दो व चार पहिया चलने की व्यवस्था रहेगी। प्रवक्ता के मुताबिक जाम से मुक्ति पाने के लिए इस एलिवेटेड ट्रैक का इस्तेमाल सार्वजनिक वाहनों के लिए भी किया जा सकता है, क्योंकि नियो के लिए सिर्फ सड़क के बीच में लोहे की रॉड लगानी होगी। 

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