लखनऊ में एंबुलेंस चालकों की मनमानी उगाही पर लगेगा विराम, 24 घंटे मॉनिटरिंग सेल की नजर; कंप्लेन पर DLनिरस्त-मुकदमा दर्ज

लखनऊ में अब एंबुलेंस चालकों की मनमानी उगाही पर लगेगी लगाम पहले अल्टीमेटम फिर डीएल निरस्त मुकदमा दर्ज और सीज होगी एंबुलेंस। लगाम कसेगी तीन विभागों की सम्मिलत मॉनिटरिंग सेल। जिलाप्रशासन द्वारा जारी दरों पर ही पेसेंट कराएंगे सिफ्ट डीसीपी ट्रैफिक बनीं नोडल।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 06:58 AM (IST)
लखनऊ में एंबुलेंस चालकों की मनमानी उगाही पर लगेगा विराम, 24 घंटे मॉनिटरिंग सेल की नजर; कंप्लेन पर DLनिरस्त-मुकदमा दर्ज
एंबुलेंस चालकों पर लगाम कसेगी तीन विभागों की सम्मिलत मॉनिटरिंग सेल।

लखनऊ [सौरभ शुक्ला]। राजधानी लखनऊ में अब एंबुलेंस चालकों की मनमानी पर लगाम कसेगी। जिला प्रशासन द्वारा जारी दरों के अनुसार ही तीमारदारों से रुपये लेकर उनकी अस्पतालों में शिफ्टिंग कराएंगे। मनमाने किराया वसूलने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी। इसकी निगरानी के लिए उच्चाधिकारियों के निर्देश पर नगर निगम, आरटीओ विभाग और ट्रैफिक पुलिस की सम्मिलित मानिटरिंग सेल बनाई गई है। सेल की नोडल अधिकारी डीसीपी ट्रैफिक ख्याति गर्ग हैं।

एंबुलेंस चालकों की उगाही की सूचना पर तत्काल भेजी जाएगी पुलिस: एंबुलेंस चालकों की मनमानी उगाही की शिकायत तीमारदार अब सीधे यूपी पुलिस कंट्रोल रूम के 112 नंबर के साथ ही ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी किए गए मोबाइल नंबर 9454405155 (ट्रैफिक कंट्रोल रूम) पर कर सकेंगे। सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर थाना पुलिस, मोबाइल बाइक, पीआरवी को मौके पर भेजा जाएगा। चूंकि मरीज को पहले अस्पताल पहुंचाना प्राथमिकता होगी। इस लिए पुलिस टीम मौके पर जाकर पहले चालक को समझाएगी और अधिक रुपये न वसूलने की बात कहते हुए अल्टीमेटम देगी। अगर चालक फिर भी नहीं सुधरा तो टीम पहले नगर निगम, आरटीओ विभाग और ट्रैफिक पुलिस से बात करके गाड़ी की व्यवस्था कराएगी। मरीज को अस्पताल भेजने के बाद एंबुलेंस चालक पर एक्शन होगा। चालक का डीएल जब्त कर उसके निस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी। इसके बाद गाड़ी को सीज कर चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

डीसीपी ट्रैफिक एवं नोडल ख्याति गर्ग के मुताबिक, एंबुलेंस चालकों ने अब अगर तय दरों से अधिक किराए की वसूली तीमारदारों से की तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। पहले अल्टीमेटम दिया जाएगा। अगर सुधरे नहीं तो चालक के डीएल निरस्तीकरण की कार्यवाही करके एंबुलेंस सीज कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। 

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