लखनऊ में ऑक्सीजन चोरी करते मिले चरक और मेयो समेत पांच अस्पताल, आपदा एक्ट में कार्रवाई की तैयारी

प्रभारी अधिकारी की जांच में सामने आया कि चरक ओपी चौधरी मेयो टेंडर पाम और अपूर्वा हास्पिटल द्वारा प्रतिदिन दो सौ से अधिक सिलिंडरों का उपयोग किया जा रहा है। परंतु सभी अस्पतालों मेंं इतने रोगी ही नही हैं कि इतने ऑक्सीजन का उपयोग किया जा सके।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 11:01 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 07:23 AM (IST)
लखनऊ में ऑक्सीजन चोरी करते मिले चरक और मेयो समेत पांच अस्पताल, आपदा एक्ट में कार्रवाई की तैयारी
जांच में पकड़ी गड़बड़ी, मरीज नहीं पर रोजाना दो सौ सिलिंडर की दिखा रहे थे खपत।

लखनऊ, जेएनएन। कई अस्पताल जहां मरीजों की जान बचाने के लिए एक-एक सिलिंडर के लिए जूझ रहे हैं, वहीं चरक और मेयो जैसे अस्पताल आक्सीजन की चोरी कर रहे हैं। भर्ती मरीजों से कई गुना अधिक आक्सीजन लेकर स्टोर कर रहे हैं। प्रभारी अधिकारी रोशन जैकब ने शुक्रवार को अस्पतालों की जांच में गड़बड़ी पकड़ी। नोटिस जारी करने के साथ ही इन अस्पतालों में आक्सीजन का आडिट करने के निर्देश भी उन्होंने दिए। आडिट में गड़बड़ी मिलने पर आपदा एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

प्रभारी अधिकारी की जांच में सामने आया कि चरक, ओपी चौधरी, मेयो, टेंडर पाम और अपूर्वा हास्पिटल द्वारा प्रतिदिन दो सौ से अधिक सिलिंडरों का उपयोग किया जा रहा है। परंतु सभी अस्पतालों मेंं इतने रोगी ही नही हैं कि इतने ऑक्सीजन का उपयोग किया जा सके। साथ ही यह भी पता चला कि सभी अस्पताल केवल मुरारी गैसेज से ही नहीं, बल्कि दूसरे प्लांट से भी आक्सीजन सिलेंडर मंगा रहे हैं। इस बारे में प्रभारी अधिकारी द्वारा कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी अस्पतालों का आक्सीजन कोटा निर्धारित करने और शहर के सातों आक्सीजन प्लांटों को क्षेत्रवार हास्पिटल आवंटित करने के निर्देश दिए।

इसके साथ ही निर्देश दिया कि अगर किसी प्लांट में किसी वजह से आक्सीजन की कोई कमी होती है तो वहां आवंटित अस्पतालों को उनके लिंक प्लांट से आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक चरक में कुल 145 बेड हंै। इनमें 33 आइसीयू और अवशेष आक्सीजनयुक्त बेड हैं, परंतु केवल आइसीयू बेड पर ही कोविड रोगियों का उपचार किया जा रहा है और लगभग सभी आक्सीजनयुक्त बेड खाली मिले। आक्सीजन का उपयोग करने वाले रोगियों के सापेक्ष अस्पताल द्वारा बहुत अधिक आक्सीजन स्टाक की जा रही है। प्रभारी अधिकारी ने अस्पताल को चेतावनी जारी कर जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि चरक को पूर्णत: कोविड हास्पिटल बनाने पर विचार किया जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां सभी बेड आक्सीजनयुक्त हैं और लगभग सभी बेड रिक्त हैं। इसके साथ ही जिला प्रशासन अस्पतालों का आक्सीजन आडिट कराना सुनिश्चित कराए और अतिरिक्त आक्सीजन को कार्यवाही करते हुए जब्त किया जाए।

बिल से गायब दवाओं का ब्योरा : ओपी चौधरी अस्पताल पहुंचीं रोशन जैकब को डिस्चार्ज मरीजों के बिल से दवा और अन्य पैथोलाजी जांचों का विवरण गायब मिला। इस पर प्रभारी निरीक्षक ने सभी बिल रखने के निर्देश दिए। यहां पर भी अस्पताल द्वारा प्रतिदिन दो सौ से अधिक आक्सीजन सिलिंडरों का उपयोग किया जाता पाया गया। लेकिन, अस्पताल में रोगियों के सापेक्ष बहुत अधिक मात्रा में आक्सीजन का स्टाक उठाया जा रहा है। प्रभारी अधिकारी ने मुरारी गैसेज प्राइवेट लिमिटेड का भी औचक निरीक्षण किया। प्रभारी अधिकारी ने बताया कि कमेटी समस्त कोविड अस्पतालों की मांग का चार्ट बनाया जाएगा कि किस अस्पताल में ऑक्सीजन का उपयोग करने वाले कितने रोगी हैं और उन रोगियों को कितने आक्सीजन की आवश्यकता है। इस आधार पर अस्पतालों का कोटा निर्धारित किया जाएगा। 

chat bot
आपका साथी