जेल अधीक्षक को नोटिस जारी, क्यों न दर्ज हो मुकदमा

लखनऊ जेएनएन गैंगरेप व जानमाल की धमकी के एक मामले में कई आदेश के बावजूद गवाही के लिए

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 01:39 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 05:03 AM (IST)
जेल अधीक्षक को नोटिस जारी, क्यों न दर्ज हो मुकदमा
जेल अधीक्षक को नोटिस जारी, क्यों न दर्ज हो मुकदमा

लखनऊ, जेएनएन : गैंगरेप व जानमाल की धमकी के एक मामले में कई आदेश के बावजूद गवाही के लिए गवाह को नहीं भेजने पर एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने कड़ा रवैया अपनाया है। विशेष जज पवन कुमार राय ने इस मसले पर जेल अधीक्षक को नोटिस जारी किया है। पूछा है कि क्यों न आपके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाए? आठ दिन में जवाब दें।

गैंगरेप के इस मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य मुल्जिम निरुद्ध हैं। विशेष अदालत में गवाही की प्रक्रिया चल रही है। इस मामले का एक गवाह राम सिंह एक आपराधिक मामले में न्यायिक हिरासत में निरुद्ध है। अदालत में उसकी गवाही होनी है, लेकिन उसे गवाही के लिए अदालत में पेश नहीं किया जा रहा है। जबकि, अदालत ने इस संदर्भ में कई आदेश जारी किए। एक तारीख पर उसे शाम पांच बजे पेश किया गया था। अदालत ने इसे गंभीर लापरवाही माना है। 18 फरवरी, 2017 को इस मामले की एफआइआर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य छह मुल्जिमों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में दर्ज हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश चित्रकुट की रहने वाली पीड़िता की अर्जी पर दिया था। पीड़िता ने मुल्जिमों पर गैंगेरप का आरोप लगाते हुए अपनी नाबालिग बेटी के साथ भी जबरिया दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाया था। विवेचना के दौरान पुलिस ने गायत्री समेत सभी मुल्जिमों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

chat bot
आपका साथी