लखनऊ में खुली उत्तर भारत की पहली ट्रांस स्वास्थ्य क्लीनिक, किन्नरों की समस्याओं का होगा निदान

किन्नरों की स्वास्थ्य समस्याओं के निदान के लिए शुक्रवार को लखनऊ में उत्तर भारत की पहली ट्रांस स्वास्थ्य क्लीनिक की शुरुआत हुई। गोेमतीनगर के एक होटल में उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की प्रोजेक्ट निदेशक अनीता सी मेश्राम ने क्लीनिक का उद्घाटन किया।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 09:31 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 01:39 PM (IST)
लखनऊ में खुली उत्तर भारत की पहली ट्रांस स्वास्थ्य क्लीनिक, किन्नरों की समस्याओं का होगा निदान
प्रत्यक्ष सेवा प्रदान करने के अलावा क्लीनिक समुदाय के सदस्यों के साथ नेटवर्किंग करेगा।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। किन्नरों की स्वास्थ्य समस्याओं के निदान के लिए शुक्रवार को लखनऊ में उत्तर भारत की पहली ट्रांस स्वास्थ्य क्लीनिक की शुरुआत हुई। गोेमतीनगर के एक होटल में उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की प्रोजेक्ट निदेशक अनीता सी मेश्राम ने क्लीनिक का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि ट्रांस स्वास्थ्य क्लीनिक एक एकीकृत सेवा वितरण केंद्र (इंटीगेटेड सर्विस डिलिवरी सेंटर) के रूप में ट्रांस जेंडर (किन्नर) की स्वास्थ्य और गैर-स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करेगा। स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के अलावा क्लीनिक समुदाय के सामाजिक अधिकारों तथा अन्य आवश्यकता जनित सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक सहयोगी वातावरण की सुविधाएं प्रदान करेगा।

प्रत्यक्ष सेवा प्रदान करने के अलावा क्लीनिक समुदाय के सदस्यों के साथ नेटवर्किंग करेगा और सेवा प्रदाताओं की एक श्रृंखला से जोड़ेगा। क्लीनिक के माध्यम से ट्रांंस जेंडर समुदाय को एसटीआई, टीबी, हैपेटाइटिस-बी व सी, एचआइवी और गैर-संचारी रोगों की स्क्रीनिंग सेवा प्रदान की जाएगी। मनोचिकित्सीय परामर्श सेवा, जीवन कौशल शिक्षा की व्यवस्था भी होगी। ट्रांस हेल्थ क्लीनिक में सामान्य चिकित्सक, मनोचिकित्सक, पियर काउंसलर, आउटरीच कोआर्डीनेटर की टीम की ओर से क्लीनिक मैनेजर के नेतृत्व में सभी सेवाएं दी जाएंगी। निदेशक ने बताया कि सूबे में ट्रासजेंडर समुदाय की जनसंख्या पूरे भारत की कुल ट्रांसजेंडर आबादी के एक चौथाई से भी अधिक है। इसलिए उनकी जरूरतों का ध्यान दिया जाना, उन्हें समग्र स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराया जाना हम सभी की जिम्मेदारी है। क्लीनिक से ट्रांस समुदाय के यौन, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आएगा। उनके साथ होने वाले भेदभाव में कमी आएगी। इस अवसर पर उप निदेशक डा. सोभिनी राजन, जांस हापकिंस यूनिवर्सिटी से डा. सुनील सुहास सोलोमन के अलावा विशेर कृष्णन,थामस ब्रिजडन एवं ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग मौजूद थे। दरअसल, ये क्लीनिक खुलने से किन्नरों 

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