Lucknow COVID-19 News: रिपोर्ट फेंककर देता है स्टाफ, लोहिया अस्पताल में सामान्य मरीजों के साथ हो रहा अछूता जैसा व्यवहार
इमरजेंसी के बाहर बैठे परिजनों ने बताया कि अस्पताल कोई शौक से नहीं आता यह बात डाक्टर व स्टाफ भली भांति जानते हैं। सरकारी अस्पताल सस्ता व टिकाऊ होता है इसके बाद भी यहां के कर्मचारी सहयोग करने के बजाए असहयोग का रवैया अपनाते हैं।
लखनऊ, जेएनएन। राम मनोहर लोहिया अस्पताल में सामान्य मरीजों के साथ स्टाफ अछूता जैसा व्यवहार कर रहे हैं। दवाइयां, रिपोर्ट फेंककर स्टाफ देता है। थोड़ा सा बोलने पर अभद्रता करने पर उतारु हो जाते हैं। आखिर यह सब नहीं होना चाहिए। यह कहना था कि लोहिया अस्पताल में इलाज करवा रहे मोहम्मद रशीद के परिजनों का। परिजनों ने बताया कि रशीद को सांस लेने में तकलीफ थी। चंद दिनों पहले भर्ती कराया था। यही हाल अन्य सामान्य मरीजों के साथ कुछ स्टाफ व पैरामेडिकल स्टाफ कर रहा है।
इमरजेंसी के बाहर बैठे परिजनों ने बताया कि अस्पताल कोई शौक से नहीं आता, यह बात डाक्टर व स्टाफ भली भांति जानते हैं। सरकारी अस्पताल सस्ता व टिकाऊ होता है, इसके बाद भी यहां के कर्मचारी सहयोग करने के बजाए असहयोग का रवैया अपनाते हैं। बाराबंकी से इलाज कराने वाले सुरेश बताते हैं कि उनकी महिला रिश्तेदार भतीZ है। कोविड मरीज नहीं है, इसके बाद भी व्यवहार कोविड जैसा करते हैं। बल्कि जो भी यहां तीमारदार हैं, वह स्वयं सतर्क रहकर सहयोग करने का प्रयास करते हैं। पैरामेडिकल स्टाफ का ऐसा असहयोग रवैया देखकर मन दुखी है। तीमारदारों ने बताया कि सरकारी अस्पताल के डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ मेहनत तो करते हैं लेकिन गुस्सा नाक पर रहता है। कम स्टाफ व डाक्टर है जो अच्छी तरह से बात करे।
शारीरिक दूरी का पालन कहां संभव: इमरजेंसी के बाहर बैठे सुरक्षा गार्ड, स्ट्रेचर देने वाला स्टाफ हो या तीमारदार कोई भी शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहा है। बामुशिकल एक फीट दूरी पर बैठक गपशप करते हुए देखा जा सकता है। जच्चा बच्चा केंद्र के बाहर भी कुछ परिवार ऐसे थे जो अगल बगल लोहे की कुसिZयों पर बैठे थे, इनमें कई मास्क नाक के नीचे करे हुए थे।