लखनऊ के DRDO अस्पताल में नॉन कोविड मरीजों की भी होगी भर्ती, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को भेजा प्रस्‍ताव

कोराेना मरीजों की संख्‍या कम होने से डीआरडीओ अस्पताल में नॉन कोविड मरीजों की भर्ती की संभावनाएं खोजी जा रही हैं। अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर नॉन कोविड मरीजों की भी भर्ती करने का प्रस्‍ताव भेजा है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 09:05 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 09:05 AM (IST)
लखनऊ के DRDO अस्पताल में नॉन कोविड मरीजों की भी होगी भर्ती, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को भेजा प्रस्‍ताव
डीआरडीओ अस्‍पताल में नॉन कोविड मरीजों की भर्ती की संभावनाएं तलाशी जा रही

लखनऊ, जेएनएन। अवध शिल्प ग्राम में चल रहे डीआरडीओ कोविड अस्पताल के अस्तित्व को लेकर संकट बढऩे लगा है। 505 बेड के इस अस्थायी अस्पताल में अब 10 से 12 कोरोना संक्रमित रोगी ही भर्ती हो रहे हैं। ऐसे में अस्पताल में नॉन कोविड मरीजों की भर्ती की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर नॉन कोविड मरीजों की भी भर्ती करने का प्रस्ताव दिया है।

डीआरडीओ कोविड अस्पताल की शुरुआत बीती पांच मई को हुई थी। इसके लिए देशभर से 36 सैन्य डाक्टर, मिलिट्री नर्सिंग सर्विस व पैरामेडिकल स्टाफ के साथ 300 लोगों की तैनाती की गई थी। साथ ही 20 हजार लीटर वाले दो आक्सीजन टैंक भी लगाए गए हैं। अस्पताल में 150 बेड वाले दो आइसीयू वार्ड और 355 आक्सीजन बेड वाले दो जनरल वार्ड हैं। अब शहर में कोरोना का संक्रमण बहुत कम हो गया है। इस कारण कई डाक्टरों के अलावा मिलिट्री नर्सिंग सेवा के अधिकारी अपने बेस में वापस चले गए हैं।

चूंकि डीआरडीओ के इस अस्पताल की स्थापना छह माह के लिए की गई थी। ऐसे में सैन्य प्रशासन अब आने वाले दिनों में अस्पताल को सक्रिय रखने के लिए नॉन कोविड मरीजों को भी भर्ती करने की तैयारी कर रहा है। पिछले दिनों अस्पताल प्रशासन ने मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी से इसे लेकर संपर्क भी किया था। ऐसे मरीज जिनको भर्ती करने की आवश्यकता पड़े और उनको डायलिसिस जैसे उपचार की जरूरत न हो, उनको अस्पताल में भर्ती कर उनका उपचार कराया जाएगा। हालांकि इन सबके बीच डीआरडीओ अस्पताल प्रशासन पीडियाट्रिक आइसीयू बनाने की भी तैयारी कर रहा है। इसके लिए कई बेस अस्पतालों के डाक्टरों को अलर्ट किया गया है। बहरहाल, इस अस्‍पताल में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा नान कोविड मरीजों को भर्ती करने आदेश दिया गया तो बहुत से मरीजों को सहूलियत होगी। वहीं, अन्‍य अस्‍पतालों में भी भीड़़ कम हो सकेगी।  

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