जेवर एयरपोर्ट में अब बनेंगे पांच रनवे, फिजिबिलिटी प्रोजेक्ट रिपोर्ट को योगी कैबिनेट की मंजूरी

UP Cabinet Decision नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जेवर में चरणबद्ध ढंग से पांच रनवे बनाए जाएंगे। पूर्ण रूप से विकसित होने के पश्चात यह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। अतिरिक्त तीन और रनवे चरणबद्ध तरीके से बनाए जाएंगे। इसके लिए अभी 1365 हेक्टयर भूमि का और अधिग्रहण होगा।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 11:46 PM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 12:05 AM (IST)
जेवर एयरपोर्ट में अब बनेंगे पांच रनवे, फिजिबिलिटी प्रोजेक्ट रिपोर्ट को योगी कैबिनेट की मंजूरी
नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जेवर में चरणबद्ध ढंग से पांच रनवे बनाए जाएंगे।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जेवर में पांच रनवे बनाने के लिए कंसलटेंट द्वारा तैयार की गई फिजिबिलिटी प्रोजेक्ट रिपोर्ट को सोमवार को योगी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। साथ ही दूसरे चरण के पहले फेज के लिए 1365 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण का प्रस्ताव भी मंजूर कर दिया। भूमि का अधिग्रहण भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के तहत किया जाएगा। कैबिनेट ने परियोजना के संबंध में समय-समय पर जरूरी निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।

नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जेवर में चरणबद्ध ढंग से पांच रनवे बनाए जाएंगे। पूर्ण रूप से विकसित होने के पश्चात यह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में बीती तीन दिसंबर को हुई प्रोजेक्ट मानीटरिंग इंप्लीमेंटेशन कमेटी (पीएमआइसी) की बैठक में पांच रनवे बनाने का फैसला हुआ था। यानी वर्तमान में दो रनवे के अतिरिक्त तीन और रनवे चरणबद्ध तरीके से बनाए जाएंगे। इसके लिए अभी 1365 हेक्टयर भूमि का और अधिग्रहण होगा।

पहले चरण के दो रनवे के लिए 1334 हेक्टयर भूमि का अधिग्रहण पहले ही किया जा चुका है। तीन अतिरिक्त रनवे के लिए कुल 3418 हेक्टयर और भूमि की जरूरत है। इसलिए दूसरे चरण के पहले फेज में 1365 हेक्टेयर, दूसरे फेज में 1318 हेक्टेयर और तीसरे फेज में 735 हेक्टेयर की भूमि शामिल होगी। पांच रनवे के जेवर एयरपोर्ट में कुल 4752 हेक्टयर भूमि हो जाएगी।

यह भी पढ़ें : यूपी में विधान मंडल का बजट सत्र 18 फरवरी से, योगी आदित्यनाथ सरकार पेश करेगी पांचवां बजट

औद्योगिक इकाइयों को ब्याजमुक्त ऋण का अब ऑनलाइन भुगतान : प्रदेश में पहले से प्रचलित औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन योजना-2003 तथा अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 के तहत पात्र लाभार्थी औद्योगिक इकाइयों को अब ब्याजमुक्त ऋण का सीधे ऑनलाइन भुगतान किया जा सकेगा। इसके लिए कैबिनेट ने वर्ष 2003 और 2012 की औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नियमावलियों में संशोधन को सोमवार को मंजूरी दे दी है। इस संशोधन से योजना के तहत प्रोत्साहन देने में पारदर्शिता आएगी। अभी तक इन दोनों नियमावलियों के तहत शासन की ओर से जारी की गई वित्तीय स्वीकृति के सापेक्ष आवश्यक धनराशि आयुक्त एवं निदेशक उद्योग, कानपुर/संयुक्त/अपर आयुक्त उद्योग, लखनऊ मंडल द्वारा आहरित करके पिकप या उप्र वित्त निगम को उपलब्ध करायी जाती थी। इसके बाद पिकप/वित्त निगम की ओर से पात्र इकाइयों को ब्याजमुक्त ऋण का वितरण किया जाता था।

यह भी पढ़ें : यूपी के मेरठ में बन रही स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, यूजी-पीजी व एमफिल के अलावा पीएचडी की मिलेगी डिग्री

ग्रेनो इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में हाईटेक उद्योगों को आसानी से मिलेगी जमीन : दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना के तहत ग्रेटर नोएडा में विकसित की जा रही इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में हाईटेक उद्योगों के लिए अब आसानी से भूखंड उपलब्ध कराये जा सकेंगे। इसके लिए कैबिनेट ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास क्षेत्र भवन (पंचम संशोधन) विनियमावली, 2021 को मंजूरी दी है। इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में हाईटेक (आइटी व आइटी जनित) और बायोटेक उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन दी जा रही है। दोनों के लिए अलग-अलग भू-उपयोग आरक्षित हैं। हाईटेक उद्योगों के लिए भूखंड आवंटन के ज्यादा प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं जबकि बायोटेक इकाइयों के लिए अपेक्षाकृत कम प्रस्ताव मिल रहे हैं। ज्यादा प्रस्ताव मिलने के कारण हाईटेक उद्योगों को जमीन आवंटित करने में दिक्कत हो रही थी। इस समस्या से निपटने के लिए बायोटेक इकाइयों के लिए आरक्षित भू-उपयोग को हाईटेक में परिवर्तित करने का निर्णय हुआ है। इस उद्देश्य से फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) में भी बदलाव किया गया है।

यह भी पढ़ें : यूपी डाटा सेंटर नीति 2021 को योगी कैबिनेट की मंजूरी, लगेंगे उद्योग-मिलेगा 25 हजार लोगों को रोजगार

निजी औद्योगिक पार्क की स्थापना के उद्देश्यों को करना होगा शामिल : प्रदेश में निजी औद्योगिक पार्कों की स्थापना के लिए यदि प्रस्तावक कंपनी/पार्टनरशिप/स्पेशलपर्पज व्हीकल ने विधिवत संशोधन कर औद्योगिक पार्क की स्थापना के उद्देश्यों को शामिल कर लिया है तो उसे निजी औद्योगिक पार्कों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन नीति के तहत पात्र माना जाएगा। कैबिनेट ने इसके लिए सोमवार को निजी औद्योगिक पार्कों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन नीति में आवश्यक संशोधन को मंजूरी दे दी है।

यह भी पढ़ें : किसानों को सिंचाई सुविधा के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार का महत्वपूर्ण फैसला, सौर ऊर्जा से चलेंगे नलकूप

chat bot
आपका साथी