लखनऊ के लोहिया संस्थान में पर्चे के ल‍िए लाइन लगाने से मुक्‍त‍ि, QR कोड स्‍कैन कर होगा पंजीकरण

लोह‍िया इंस्‍ट‍िटयूट की ओपीडी में पहुंचने के बाद भी मरीजों को काउंटर पर पर्चा बनवाने के झंझट से मिलेगी मुक्ति। काउंटर पर चस्पा अस्पताल के क्यूआर कोड व लिंक को मोबाइल से स्कैन कर खुद कर सकेंगे ऑनलाइन पंजीकरण।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 11:40 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 11:40 AM (IST)
लखनऊ के लोहिया संस्थान में पर्चे के ल‍िए लाइन लगाने से मुक्‍त‍ि, QR कोड स्‍कैन कर होगा पंजीकरण
अस्पताल में अभी भी ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा मौजूद है।

लखनऊ, जेएनएन। डॉ राम मनोहर लोहिया संस्थान मरीजों की मुश्किलों को आसान करने के लिए अब ऑनलाइन पंजीकरण का एक ऐसा सरल फार्मूला लागू करने जा रहा है, जिसके जरिए अब किसी भी मरीज को ओपीडी में दिखाने के लिए लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि अस्पताल में अभी भी ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा मौजूद है, जिसके जरिए मरीज अपना रजिस्ट्रेशन कराने के बाद मिली तारीख व समय पर ओपीडी पहुंचकर संबंधित डॉक्टर को दिखाते हैं। ऐसे में उन्हें लाइन में नहीं लगना पड़ता। मगर बहुत से मरीज सीधे अस्पताल पहुंचते हैं और काउंटर पर पर्चा बनवाने के लिए घंटो तक लाइन में लगे रहना पड़ता है। ऐसे में उनका कीमती समय जाया हो जाता है।

कई बार ओपीडी का समय समाप्त होने पर कुछ मरीज पर्चा बनने के बाद भी अपने डॉक्टर को दिखा नहीं पाते हैं। लेकिन अब लोहिया संस्थान ऐसी सुविधा शुरू करने जा रहा है जिससे कि अस्पताल आने वाले मरीज भी तुरंत ही अपने मोबाइल से ऑनलाइन पंजीकरण कर उसी दिन ओपीडी में डॉक्टर को दिखा सकेंगे। लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ श्रीकेश सिंह ने बताया कि अभी करीब 60 फीसद ऑनलाइन पंजीकरण लोहिया संस्थान के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में हो रहा है। मगर करीब 40 फीसद मरीज संस्थान में ही आकर काउंटर पर पर्चा बनवाते हैं। इससे उनका कई घंटे का समय खराब हो जाता है। कई बार भीड़ अधिक होने की वजह से मरीज सिर्फ डॉक्टर से परामर्श ले पाते हैं।

जांच इत्यादि के लिए उन्हें फिर कई बार चक्कर काटना पड़ता है, लेकिन अब काउंटर पर ही जो मरीज ऑनलाइन पंजीकरण करना चाहेंगे उनके लिए अस्पताल में काउंटर पर क्यूआर कोड लिंक चश्मा रहेगा। उसे स्कैन कर वह मोबाइल से अपना ऑनलाइन पंजीकरण करके संबंधित डॉक्टर को तत्काल ही उपलब्ध होने पर दिखा सकेंगे। इससे उनका कीमती समय खराब नहीं होगा। अगर किसी व्यक्ति को इस दौरान ऑनलाइन पंजीकरण करने में दिक्कत होगी तो उसकी सहायता के लिए ऑनलाइन पंजीकरण हेल्प डेस्क भी मौजूद रहेगी। जोकि मरीज का ऑनलाइन पंजीकरण कराने में मदद करेगी।

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