Ambulance Strike in UP: एंबुलेंस दौड़ाने को नई भर्तियां शुरू, 130 हड़ताली कर्मचारी और बर्खास्त

Ambulance Strike in UP अल्टीमेटम के बाद कई कर्मचारी लौटे आज से राहत की उम्मीद। एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही जीवीकेईएमआरआइ ने गुरुवार की शाम तक कर्मचारियों को काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया था जिसके बाद कई कर्मचारी वापस लौट आए हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 09:51 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 01:25 AM (IST)
Ambulance Strike in UP: एंबुलेंस दौड़ाने को नई भर्तियां शुरू, 130 हड़ताली कर्मचारी और बर्खास्त
सिर्फ 22 जिलों में ही सभी एंबुलेंस दौड़ीं, बाकी में स्थिति खराब।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। हड़ताल कर रहे एंबुलेंस कर्मियों पर शासन व कंपनी ने और शिकंजा कस दिया है। 130 कर्मचारी और बर्खास्त कर दिए गए हैं। अब तक कुल 711 कर्मियों को बर्खास्त किया जा चुका है। गुरुवार को एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम (एएलएस), 108 व 102 एंबुलेंस सेवा की 4720 एंबुलेंस को दौड़ाने के लिए कोशिशें और तेज कर दी गईं। अभी 22 जिलों में ही शत प्रतिशत एंबुलेंस और 35 जिलों में 50 प्रतिशत तक एंबुलेंस चली हैं, जबकि 18 जिलों में एक भी एंबुलेंस नहीं दौड़ पाई है। शुक्रवार तक सभी एंबुलेंस संचालित करने की तैयारी की जा रही है। उधर एंबुलेंस न मिलने के कारण पांचवें दिन भी मरीजों को मुसीबत उठानी पड़ी।

एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही जीवीकेईएमआरआइ ने गुरुवार की शाम तक कर्मचारियों को काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद कई कर्मचारी वापस लौट आए हैं। कंपनी ने नई भर्ती शुरू कर दी है। उधर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) उप्र व स्वास्थ्य विभाग के द्वारा भी एंबुलेंस ड्राइवर व इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) जुटाने का काम शुरू हो गया है। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत राजकीय वाहन चालकों को एंबुलेंस की चाबी सौंपी जा रही है और ईएमटी के तौर पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत तैनात पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग व आयुष फार्मासिस्ट तैनात किए जा रहे हैं। सीतापुर, कुशीनगर और बस्ती समेत कई जिलों में इनकी तैनाती कर दी गई है। जिन 18 जिलों में एंबुलेंस का चक्का पूरी तरह जाम है उसमें ज्यादातर पूर्वांचल के जिले हैं।

जीवीकेईएमआरआइ के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट टीवीएसके रेड्डी ने बताया कि अल्टीमेटम देने के बाद कई कर्मचारी काम पर वापस भी लौट आए हैं। जो अनुशासनहीन कर्मचारी बर्खास्त किए गए हैं, उनकी जगह दूसरे कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है। मालूम हो कि एएलएस एंबुलेंस सेवा का जिम्मा बीते दिनों जिगित्सा हेल्थ केयर को सौंपा गया था। इस कंपनी ने प्रशिक्षण के नाम पर 20 हजार रुपये मांगे थे और एंबुलेंस कर्मियों को 13,500 रुपये प्रति माह मानदेय की बजाए 10 हजार मानदेय देने पर सहमति जताई थी। इसे लेकर बीते रविवार को 250 एएलएस एंबुलेंस के करीब एक हजार कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, जिसके बाद 108 व 102 एंबुलेंस सेवा के 22 हजार कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हो गए। मान-मनौव्वल शुरू हुई तो एंबुलेंस कर्मियों ने अपनी डिमांड बढ़ा दी और सेवा प्रदाता कंपनी की बजाए एनएचएम के संविदा कर्मी के तौर पर भर्ती की मांग शुरू कर दी। कर्मचारियों से वार्ता विफल होने के बाद एनएचएम व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने वैकल्पिक व्यवस्था के जरिये एंबुलेंस सेवा संचालित करने की तैयारी शुरू कर दी है।

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