Master Plan for Ayodhya: अयोध्या के नए मास्टर प्लान पर PM Modi की वर्चुअल समीक्षा बैठक, शामिल होंगे CM योगी आदित्यनाथ
New Master Plan for Ayodhya रामनगरी अयोध्या के समग्र विकास को लेकर तैयार किए गए विजन डाक्यूमेंट पर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे। शनिवार को रामनगरी के विकास को लेकर तैयार योजनाओं का पीएम मोदी के समक्ष वर्चुअल प्रस्तुतीकरण प्रस्तावित है।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण की पहली लहर कम होने के बाद बीती पांच अगस्त को रामनगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या के विकास को लेकर बेहद गंभीर हैं। अयोध्या के विकास कार्य पर बराबर नजर रखने वाले पीएम मोदी शनिवार को यहां पर चल रहे विकास कार्य की समीक्षा भी करेंगे। वर्चुअल होने वाली इस समीक्षा बैठक में लखनऊ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। इस बैठक में प्रधानमंत्री एक-एक योजना की प्रोग्रेस रिपोर्ट जानेंगे।
रामनगरी अयोध्या के समग्र विकास को लेकर तैयार किए गए विजन डाक्यूमेंट पर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे। शनिवार को रामनगरी के विकास को लेकर तैयार योजनाओं का पीएम मोदी के समक्ष वर्चुअल प्रस्तुतीकरण प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामनगरी के विकास को पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप आकार देना चाहते हैं। इसलिए पीएम के समक्ष प्रस्तुत करने से पहले सीएम योगी की निगरानी में विजन डाक्यूमेंट को अंतिम स्पर्श दिया जा रहा है। प्रपत्र में 18 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की रूपरेखा खींची गई है। 16 परियोजनाओं की विस्तृत कार्ययोजना अगस्त तक पूरी करने का लक्ष्य है। दृष्टिकोण प्रपत्र के साथ अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह सहित कई अधिकारी बुधवार से ही लखनऊ में हैं।
इस बीच रामनगरी के सुंदरीकरण की कुछ योजनाओं पर कार्य शुरू हो गया है, जिसमें हाईवे का सुंदरीकरण प्रमुख है। फ्लाईओवर की दीवारों पर रामायण के प्रसंग उकेरे जा चुके हैं। हाईवे के डिवाइडर पर पौधरोपण का कार्य आरंभ है। प्रधानमंत्री की महात्वाकांक्षी योजना 'कैच द रेन' के तहत, जहां तीन जलाशयों के पुनरोद्धार को विजन डाक्यूमेंट में स्थान दिया गया है। वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिए रामायण कालीन वृक्षों से रामनगरी की धरा को आच्छादित किया जाएगा। व्यापार रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराने का विजन भी तैयार किया गया है। 24 मीटर से लेकर 40 मीटर चौड़े मार्गों की परिकल्पना शामिल की गई है। विजन डाक्यूमेंट बनाने वाली ग्लोबल कंसल्टेंट एजेंसी ली एसोसिएट्स, सीपी कुकरेजा और एलएंडटी के विशेषज्ञों ने साधु-संतों, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व जनप्रतिनिधियों सहित पांच सौ से अधिक लोगों की राय लेकर इसे आकार दिया है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की निर्माण समिति के अध्यक्ष पूर्व नौकरशाह नृपेंद्र मिश्र ने बीते दिनों अयोध्या का दौरा करने के बाद मंदिर निर्माण की प्रगति तथा अयोध्या के विकास कार्य का ब्यौरा तैयार किया था। उनकी रिपोर्ट भी प्रधानमंत्री के पास पहुंची है। प्रधानमंत्री मोदी की शनिवार को समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अयोध्या के विकास से जुड़े तमाम अधिकारी भी मौजूद रहेंगे और पीएम नरेंद्र मोदी को अयोध्या में अब तक के हुए विकास कार्यों की रिपोर्ट सौंपेंगे। बैठक में अयोध्या के जिलाधिकारी, नगर आयुक्त तथा विकास प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारियों और आवास विकास परिषद के साथ पर्यटन के अधिकारियों से पर्यटकों को धामकता के साथ आधुनिकता व प्रदूषण मुक्त करने की योजना की जानकारी लेने के साथ- साथ अन्य विकास योजनाओं पर चर्चा करेंगे।
समग्र विकास के लिए तीन लक्ष्य तय प्रथम लक्ष्य-आध्यात्मिक नगर, ज्ञान केंद्र, उत्सवधर्मी नगर, तीर्थयात्रियों की सुविधा के अनुरूप अवसंरचना विकास। द्वितीय लक्ष्य-पर्यटन का विविधीकरण, हब एंव स्पोक्स सर्किट, ऐतिहासिक नगर परिपथ एवं धरोहर स्थलों का भ्रमण, पर्यावरणीय संसाधनों का अनुप्रयोग तथा सरयू तटीय सौंदर्यीकरण, अयोध्या की विशिष्टताओं की ब्रांडिंग, सुगम परिवहन एवं यात्री सुविधा। तृतीय लक्ष्य-सुविधायुक्त सामुदायिक आवासन, हरित एवं सौर नगर, सुगम परिवहन व्यवस्था, आधुनिक अवस्थापना विकास, क्षेत्र के भावी विकास की व्यूहरचना।
ये हैं प्रमुख योजनाएं : अयोध्या मेन स्पाइन रोड, राममंदिर तक जाने वाले रास्ते, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग, भव्य अयोध्या ग्रीन फील्ड टाउनशिप, प्रवेश बिंदुओं पर भव्य द्वार, छह प्रवेश द्वारों पर तीर्थयात्री आवास सुविधा केंद्र, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, पर्यटन सुविधा केंद्र, अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय, स्मार्ट रोड, सरयू रिवर फ्रंट, पांच जलस्रोतों का कायाकल्प, इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, मल्टीलेवल कार पार्किंग, पशु बचाव और पुनर्वास परियोजना, रिंग रोड विकास, सोलर सिटी, वाल्मीकि रामायण कालीन पौधारोपण।