खुदरा व्यापारियों व आढ़तियों के लिए भी घातक हैं नए कानून : रामगोविन्द चौधरी

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को किसानों खुदरा व्यापारियों और आढ़तियों के लिए घातक बताया है। विभिन्न उद्योगों में लगे लोगों को व्यापारी का दर्जा देकर उन्हें आयकर के दायरे में लाने की साजिश है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 07:48 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 06:11 AM (IST)
खुदरा व्यापारियों व आढ़तियों के लिए भी घातक हैं नए कानून : रामगोविन्द चौधरी
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा नए कृषि कानूनों से बढ़ेगा शोषण।

लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को किसानों, खुदरा व्यापारियों और आढ़तियों के लिए घातक बताया है। उन्होंने कहा कि यह विभिन्न उद्योगों में लगे लोगों को व्यापारी का दर्जा देकर उन्हें आयकर के दायरे में लाने की साजिश है।

इससे छोटे किसानों का शोषण होगा।बुधवार को एक बयान जारी कर उन्होंने कहा कि कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 के अध्याय-एक में दिए गए प्रावधानों के मुताबिक कृषि उपज को खरीदने वाले व्यक्ति को व्यापारी कहा गया है। कृषि उपज में अनाज के अलावा कुक्कुट, मछली, बकरी, सूअर और डेयरी उत्पाद तथा पशु चारा आदि को भी शामिल किया गया है। 

विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक गांव के बाजारों में छोटे किसानों से उनकी उपज खरीदने वाले खुदरा व्यापारी को भी अब आयकर देना होगा। इसके अलावा दूध बेचने वाले और पशु चारे की खरीद-फरोख्त करने वाले लोग भी आयकर के दायरे में आएंगे। इससे कृषि उपज से जुड़े छोटे-छोटे व्यापारी खत्म हो जाएंगे और छोटे या सीमांत किसान कॉरपोरेट के मोहताज हो जाएंगे। रामगोविन्द ने कहा कि मूल्य करार विधेयक-2020 में गुणवत्ता और मानक आधारित उपज की कीमत तय करने की शर्त शामिल है।

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