New DGP UP: नए डीजीपी के चयन को लेकर 29 को दिल्ली की बैठक में शामिल होंगे मुख्य सचिव आरके तिवारी
New DGP of UP पुलिस महानिदेशक का नाम फाइनल करने पर मंथन शुरू हो गया है। इसके लिए 29 जून को लोक सेवा आयोग नई दिल्ली में एक बैठक होगी। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार (आरके) तिवारी भी शामिल होंगे।
लखनऊ, जेएनएन उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश पुलिस के नए मुखिया की तलाश शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार 30 जून को सेवानिवृत हो रहे पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी को सेवा विस्तार देने के मूड में नहीं है।
उत्तर प्रदेश में नए पुलिस महानिदेशक का नाम फाइनल करने पर मंथन शुरू हो गया है। इसके लिए 29 जून को लोक सेवा आयोग नई दिल्ली में एक बैठक होगी। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार (आरके) तिवारी भी शामिल होंगे। इस बैठक में उत्तर प्रदेश का डीजी पुलिस का नाम फाइनल करने के लिए एक कमेटी गठित होगी। लोक सेवा आयोग तीन अफसरों की कमेटी गठित करेगा। यह कमेटी ही डीजीपी का नाम तय करेगी।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 से कुछ समय पहले ही उत्तर प्रदेश को नया पुलिस प्रमुख भी मिलेगा। इसके सामने विधानसभा चुनाव के साथ ही उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को दुरुसत रखने की भी चुनौती होगी। उत्तर प्रदेश में 2017 से योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से तीन डीजीपी अब तक काम कर चुके हैं। सुलखान सिंह के बाद में ओपी सिंह ने डीजीपी के रूप में कार्यभार संभाला और फिलहाल हितेश चंद्र अवस्थी 30 जून तक पद पर रहेंगे। अब उत्तर प्रदेश को चौथे पुलिस महानिदेशक की तलाश है।
उत्तर प्रदेश कैडर में डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी 1985 बैच के आईपीएस हैं, इनके बाद केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर तैनात अरुण कुमार हैं। वह भी 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। 1986 बैच के आईपीएस अफसर नासिर कमाल, 1987 बैच के आईपीएस अफसर मुकुल गोयल डॉ. आरपी सिंह, विश्वजीत महापात्रा, गोपाल लाल मीणा के अलावा 1988 बैच के आरके विश्वकर्मा, डीएस चौहान, अनिल कुमार अग्रवाल और आनंद कुमार का नाम डीजीपी उत्तर प्रदेश के पद पर आने वालों की लिस्ट में सबसे ऊपर है। नासिर कमाल इस वक्त केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और जुलाई 2022 में उनका रिटायरमेंट है। सरकार उन्हेंं केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बुलाने के मूड में नहीं दिख रही है। इसी कारण से डीजीपी की कुर्सी के लिए उनका नाम बाहर माना जा रहा है।
प्रबल दावेदार मुकुल गोयल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बीएसएफ के डीजी हैं। उनका रिटायरमेंट फरवरी 2024 को है। मुकुल गोयल के लिए जोरदार लॉबिंग भी हो रही है। डीजी ईओडब्ल्यू के साथ ही डीजी एसआईटी का चार्ज संभाल रहे डॉ. आरपी सिंह को सरकार का काफी विश्ववासपात्र माना जा रहा है। इसी कारण से उनकी दावेदारी काफी मजबूत है। आरपी सिंह ने दो वर्ष में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन का पीएफ घोटाला, बाइक बोट घोटाला, सहकारिता भर्ती घोटाला के साथ मदरसों में फर्जीवाड़े के तमाम खुलासे किए हैं। उनका रिटायरमेंट फरवरी 2023 को है। आरपी सिंह के बाद गडीएस चौहान का भी नाम काफी प्रमुखता से जार्ज में है। वह अभी डीजी इंटेलिजेंस हैं। उनका रिटायरमेंट मार्च 2023 को है. डीएस चौहान एकलौते ऐसे अफसर हैं जिन्हेंं भाजपा सरकार ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बुलाया है। इसी कारण अगर सीनियरिटी को अनदेखा किया जाए तो डीएस चौहान डीजीपी की कुर्सी के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
डीजी जेल आनंद कुमार इसी सरकार में लम्बे समय तक एडीजी कानून-व्यवस्था रहे। उन्होंने कानून व्यवस्था में काफी सुधार किया है। आनंद कुमार जेलों में तमाम सुधार करने वाले अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। उनका रिटायरमेंट अप्रैल 2024 को है। अभी उनकी काफी नौकरी बाकी है जिसके कारण उन्हेंं भी डीजीपी की कुर्सी सौंपी जा सकती है।
विश्वजीत महापात्रा और गोपाल लाल मीणा के डीजीपी बनने की संभावना पर विचार हो सकता है। विश्वजीत महापात्रा भाजपा सरकार बनते ही प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एडीजी जोन बनाए गए थे। इसके बाद सीबीसीआईडी के डीजी की कुर्सी सौंपी गई। गोपाल लाल मीणा भी डीजी होमगार्ड थे लेकिन उनके कार्यकाल में होमगार्डों की ड्यूटी का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था।
राज्य सरकार की तरफ से यूपीएससी को डीजीपी के लिए चुने गए आईपीएस अफसरों की लिस्ट भेज दी गई है। अब यूपीएससी की कमेटी इस लिस्ट में शामिल सभी अफसरों के नामों पर मंथन करेगी। कमेटी में भारत सरकार के गृह सचिव भी शामिल होते हैं।