'नौनिहालों को संस्कारवान शिक्षा दिए जाने की जरूरत'

जेएनएन लखनऊ। नौनिहालों को जब तक उच्चतर शिक्षा के साथ-साथ समुचित संस्कार नहीं दिए जाएंगे

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 12:47 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 12:47 AM (IST)
'नौनिहालों को संस्कारवान शिक्षा दिए जाने की जरूरत'
'नौनिहालों को संस्कारवान शिक्षा दिए जाने की जरूरत'

जेएनएन, लखनऊ।

नौनिहालों को जब तक उच्चतर शिक्षा के साथ-साथ समुचित संस्कार नहीं दिए जाएंगे, इस बात की पूरी संभावना है कि वह भ्रमित होकर गलत काम में जुड़ सकते हैं। ऐसे में हमें ऐसी संस्कारवान शिक्षा की जरूरत है, जो देश में संस्कारों को पुन: प्रतिष्ठापित कर सके। हमें ज्ञान ही नहीं, संस्कारवान ज्ञान चाहिए। इसके लिए विद्या भारती का प्रयास सराहनीय है। यह कहना था पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर का। वह निरालानगर स्थित सरस्वती कुंज में प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केंद्र में शिक्षकों के पांच दिवसीय तकनीकी प्रशिक्षण सत्र के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे।

मुख्य अतिथि ठाकुर ने कहाकि संस्कारवान शिक्षा की हमारी नींव कमजोर हो गई है, जो परिवार, समाज और विद्यालय से बनती है। हमें इसे फिर से मजबूत बनाना होगा। आपके संस्कार मूल्यवान और बलवान नहीं हैं तो आप आगे नहीं बढ़ पाएंगे।

कार्यक्रम अध्यक्ष महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने एलएमएस (लर्निग मैनेजमेंट सिस्टम) की सराहना करते हुए कहा कि विद्या भारती ने एक बड़ी योजना साकार कर दिखाई है, जो भारत सरकार और राज्य सरकार का तंत्र नहीं कर पाया।

मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के सह संगठन मंत्री संजय ने एक रूसी लेखक द्वारा कही बात का जिक्र करते हुए कहाकि हमारे सामने लक्ष्य है कि हम बालक को क्या बनाना चाहते हैं और वह बालक किस लक्ष्य को पूरा करना चाहता है। यह हमें स्पष्ट होना चाहिए। इस मौके पर विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा, भारतीय शिक्षा परिषद के सचिव दिनेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

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