लखनऊ के शतरंजनुमा चारबाग स्टेशन को संवारने पर लगा ग्रहण, प्रोजेक्ट से पीछे हटी एनबीसीसी

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने चार रेलवे कॉलोनी खाली करवा कर रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) को सौंपा था। इस प्रोजेक्ट को 2021 तक पूरा करना था। एनबीसीसी चारबाग स्टेशन के पुनर्विकास योजना से पीछे हट गई है। अब रेलवे इसकी जगह दूसरी एजेंसी को चुनेगा।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 03:19 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 03:19 PM (IST)
लखनऊ के शतरंजनुमा चारबाग स्टेशन को संवारने पर लगा ग्रहण, प्रोजेक्ट से पीछे हटी एनबीसीसी
उत्तर रेलवे के नवनियुक्त जीएम ने किया स्टेशन का दौरा।

लखनऊ, जेएनएन। अपनी शतरंजनुमा आकार के कारण पूरे देश में डिजाइन को लेकर खास स्थान रखने वाले चारबाग रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की योजना पर कुछ ग्रहण लग गया है। रेलवे ने जिस नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लि. (एनबीसीसी) को अपनी जमीन लीज पर नीलाम कर स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए धन जुटाने के लिए चुना था। वह एनबीसीसी चारबाग स्टेशन के पुनर्विकास योजना से पीछे हट गई है। अब रेलवे इसकी जगह दूसरी एजेंसी को चुनेगा। हालांकि एनबीसीसी गोमतीनगर स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की योजना में लगा रहेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए एनबीसीसी 360 करोड़ रुपये रेलवे की जमीन को नीलाम कर जुटाएगा। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल अपने पहले अधिकारिक दौरे पर मंगलवार को लखनऊ आए तो उन्होंने चारबाग स्टेशन के निरीक्षण के दौरान यह जानकारी दी।

महाप्रबंधक ने बताया कि चारबाग स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की इस योजना में करीब 1800 करोड़ रूपये का खर्च आएगा। एनबीसीसी के बाद नई एजेंसी के चयन कर प्रोजेक्ट पूरा करने में समय लगेगा। वहीं कुछ अधिकारियों की मानें तो रेलवे जिस रेट पर लीज पर जमीन नीलाम कर रहा है। वह बहुत अधिक है। इस कारण लोग नीलामी में हिस्सा लेने से कतरा रहे हैं। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने चार रेलवे कॉलोनी खाली करवा कर रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) को सौंपा था।

इस प्रोजेक्ट को 2021 तक पूरा करना था। मार्च 2018 रेल मंत्री पीयूष गोयल ने चारबाग स्थित रेलवे स्टेडियम में इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। प्रोजेक्ट के तहत स्टेशन के बाहर दो मंजिला भूमिगत पार्किंग, चारबाग रेल आरक्षण केंद्र से स्टेशन के अंतिम छोर तक भूमिगत रास्ता, सभी प्लेटफार्मों को कवर करते हुए लाइन के ऊपर कानकोर्स, सभी प्लेटफार्म को जोडऩे वाला अंडरग्राउंड रास्ता, एस्केलेटर और लिफ्ट जैसी आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

बिजली के इंजन की ट्रिपिंग लखनऊ में

लखनऊ मेल और चंडीगढ़ एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों के इलेक्ट्रिक इंजनों की मामूली गड़बड़ी की जांच लखनऊ में हो सकेगी। लोको वर्कशॉप में जीएम ने इलेक्ट्रिक ट्रिपिंग शेड का लोकार्पण किया। टे्रन के आने के बाद इंजन को इसी शेड में भेजा जाएगा। जहां उसकी विद्युत आपूर्ति को लेकर जांच की जाएगी।

नई ट्रेनें अभी नहीं

जीएम ने कहा कि कोरोना के कारण नियमित ट्रेनों का संचालन अभी नहीं किया जाएगा। कुछ रूटों पर ट्रेनों को बढ़ाने से पहले वहां की कोविड -19 से जुड़ी जानकारी भी ली जाएगी। डीआरएम संजय त्रिपाठी और सीनियर डीसीएम जगतोष शुक्ल के साथ उन्होंने चारबाग स्टेशन के पैदल पुल, लिफ्ट, एस्केलेटर, प्लेटफार्म छह व सात के वॉशेबल एप्रन को भी देखा। उन्होंने कहा कि चारबाग से दिलकुशा तक दोहरी लाइन को चार लेन करने के प्रोजेक्ट में तेजी लायी जाएगी। हालांकि लखनऊ से रायबरेली रूट की डबलिंग कोरोना काल में भी तेजी से कराने पर उन्होंने डीआरएम संजय त्रिपाठी की प्रशंसा की। 

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