लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में 24वां हुनर हाट, सीएम योगी आदित्यनाथ कल करेंगे उद्घाटन

All India Hunar Haat in Lucknow उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देश के 31 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के दस्तकार व शिल्पकारों के उत्पादों से सुसज्जित 24 वें हुनर हाट का उद्घाटन शनिवार को करेंगे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 06:36 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 06:42 PM (IST)
लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में 24वां हुनर हाट, सीएम योगी आदित्यनाथ कल करेंगे उद्घाटन
हुनर हाट के संबंध में शुक्रवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी

लखनऊ, जेएनएन। देश के हजारों हुनरमंद दस्तकारों और शिल्पकारों को उत्तर प्रदेश बड़ा प्लेटफार्म प्रदान कर रहा है। लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में शनिवार से हुनर हाट का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 31 राज्यों के हुनरमंद बाजार के उत्पादों का प्रदर्शन होगा। इसमें प्रदेश का ओडीओपी उत्पाद भी अपनी पूरी विविधता के साथ मौजूद है। इसका आयोजन चार फरवरी तक किया जाएगा।

हुनर हाट के संबंध में शुक्रवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि लखनऊ शिल्प ग्राम में हुनर हाट सज-धजकर पूरी तरह तैयार है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 बजे देश के 31 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के दस्तकार व शिल्पकारों के उत्पादों से सुसज्जित 24 वें हुनर हाट का औपचारिक उद्घाटन शनिवार को करेंगे। केंद्रीय मंत्री नकवी ने बताया कि मंत्रालय के तहत देश के दस्तकारों-शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन और बाजार उपलब्ध कराने की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए 24 वें हुनर हाट का आयोजन वोकल फॉर लोकल थीम को केंद्र बनाकर यहां 23 जनवरी से चार फरवरी तक किया जा रहा है। यह आयोजन वोकल फॉर लोकल और ओडीओपी को बड़ा फलक देगा।

लखनऊ के हुनर हाट में आंध्र, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 500 हुनरमंद अपने उत्पादों के साथ पूरे समय तक मौजूद रहेंगे।

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नकवी ने कहा कि लखनऊ के हुनर हाट में देश के दस्तकार/शिल्पकार अजरख, ऍप्लिक, आर्ट मैटल वेयर, बाग प्रिंट बाटिक, बनारसी साड़ी, बंधेज, बस्तर की जड़ी-बूटिया, स्लैक पॉटरी, ब्लॉक प्रिंट, बैत-बांस के उत्पाद, चिकनकारी, कॉपर बेल, ड्राई फ्लावर्स, खादी के उत्पाद, कोटा सिल्क, लाख की चूडिय़ों, लेदर, पश्मीना शाल, रामपुरी वायलिन, लकड़ी एवं लोहे के खिलाने, काया एम्ब्रोइडरी, पीतल, क्रिस्टल ग्लास के आइटम, चन्दन की कलाकृतियों के स्वदेशी हस्तनिर्मित एक से बढ़कर एक नायाब उत्पाद प्रदर्शन एवं बिक्री के लिए होंगे।

हुनर हाट में आने वाले लोग देश के पारम्परिक उत्पादों के साथ पारम्परिक लजीज पकवानों का लुत्फ भी उठाएंगे। हर दिन शाम के समय जाने-माने कलाकार आत्मनिर्भर भारत थीम पर गीत-संगीत के कार्यक्रम करेंगे। इनमें कैलाश खेर, विनोद राठौर, शिबानी कश्यप, सूफी गायक हमसर हयात आदि जाने-माने कलाकार प्रस्तुति देंगे।

नकवी ने बताया कि लखनऊ का हुनर हाट  ई प्लेटफार्म http://hunarhat.org पर भी देश-विदेश के लोगों के लिए उपलब्ध है। जहां लोग सीधे दस्तकार, शिल्पकार व कारीगरों के स्वदेशी सामानों को देख एवं खरीद रहे हैं। हुनर हाट दस्तकारों, शिल्पकारों के लिए बहुत उत्साहवर्धक और लाभदायक साबित हो रहे हैं। एक और जहां हुनर हाट में लाखों लोग आते हैं वहीं दूसरी और लोग करोड़ों रुपए की दस्तकारों, शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादो की जमकर खरीददारी भी कर रहे है। बीते पांच वर्ष में हुनर हाट के माध्यम से पांच लाख से ज्यादा दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों और उनसे जुड़े लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं। हुनर हाट से देश के कोने-कोने की शानदार जानदार पारम्परिक दस्तकारी, शिल्पकारी की विरासत को मजबूती और व्यापक पहचान मिल रही है। विदेशों में भी हम हुनर हाट को ले जा रहे हैं। अब आने वाले समय में पुर्तगाल में हुनर हाट आयोजित किया जाएगा। नकवी ने प्रदेश में चल रहे ओडीओपी अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि हमने उत्तर प्रदेश सरकार की मदद से ओडीओपी उत्पादों को भी हुनर हाट से जोड़ा है।

ओडीओपी हुनर हाट के आकर्षण

हुनर हाट का मुख्य आकर्षण उत्तर प्रदेश के एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) होंगे। प्रदेश के सभी 75 जिलों के खास उत्पादों की दुकानें सज गई हैं। इनमें संबधित जिले के ये उत्पाद अपनी पूरी खूबी और रेंज के साथ मौजूद हैं।

हुनर हाट परंपरागत हुनर से जुड़े देश भर के हस्तशिल्पियों को देश और विदेश में अपने उत्पादों के जरिये अपने हुनर को करने का एक जरिया है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ऐसे लोगों को इसके लिए मंच और मौका मुहैया कराता है। इससे विदेशों में मेक इन इंडिया की ब्रांडिंग होती है। साथ ही इपरंपरागत पेशे से जुड़े लोगों की कला का संरक्षण एवं संवर्धन भी होता है। उत्पादों की मांग बढऩे पर इनकी आय भी बढ़ती है। 

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