Girls Photo Viral Case in Lucknow: 16-20 साल की लड़कियों को करता था टारगेट, लैपटॉप में म‍िले 10 हजार नाम

डीसीपी क्राइम पीके तिवारी ने बताया कि जालसाज के पास से बरामद लैपटॉप को फोरेंसिक एक्सपर्ट के पास जांच के लिए भेजा गया है। उसके लैपटॉप में 10 हजार लड़कियों का डाटा मिला है। 400 लड़कियों को करीब वह ब्लैकमेल कर चुका था।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 29 Jan 2021 10:25 AM (IST) Updated:Fri, 29 Jan 2021 03:30 PM (IST)
Girls Photo Viral Case in Lucknow: 16-20 साल की लड़कियों को करता था टारगेट, लैपटॉप में म‍िले 10 हजार नाम
साइबर जालसाज नितिन मिश्रा द्वारा लड़कियों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करने का मामला।

लखनऊ, जेएनएन। साइबर क्राइम सेल द्वारा बुधवार को साइबर जालसाज विनीत मिश्रा 16 से 20 साल की भोली-भाली लड़कियों को टारगेट कर अपने जाल में फंसाता था। उसके बाद उनकी फेसबुक आई-डी, इंस्टाग्राम और वाट्सएप को हैककर उन्हें ब्लैकमेल करता था। यह राजफाश पुलिस की पूछताछ में हुआ। वह सोशल मीडिया पर इसी उम्र की लड़िकयों पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता था।

डीसीपी क्राइम पीके तिवारी ने बताया कि जालसाज के पास से बरामद लैपटॉप को फोरेंसिक एक्सपर्ट के पास जांच के लिए भेजा गया है। उसके लैपटॉप में 10 हजार लड़कियों का डाटा मिला है। 400 लड़कियों को करीब वह ब्लैकमेल कर चुका था। उसने 10 से 15 फर्जी आई-डी लड़कियों के नाम से बना रखी थी। जिसमे लड़कियों की ही फोटो लगा रखी थी। उन्हीं आई-डी से से 16-20 साल की भोली-भाली लड़कियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर अपने जाल में फंसाता था। इसके बाद उन्हें लिंक भेजकर उसे टच करने के लिए प्रेरित करता था। लिंक को टच करते ही लड़कियों की आईडी हैक हो जाती थी। इसके बाद वह उनकी प्राइवेट फोटो और चैट की स्क्रीन शॉट लेकर उन्हें ब्लैकमेल करता था। हर लड़की के नाम से अलग अलग उसने फोल्डर बना रखा था।

एक लड़की से 20 हजार रुपये की करता था डिमांड

साइबर क्राइम सेल के एक्सपर्ट शरीफ खान ने बताया कि 16-20 साल की लड़कियां स्कूलिंग में पढ़ने वाली भोली-भाली होती हैं। लड़की के नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट देखकर वह एक्सपेक्ट कर लेती थीं। जब विनती उनकी आई-डी हैक करके उनकी व्यक्तिगत चैटिंग और फोटो का स्क्रीन शॉट ले लेता तो उनके नाम से फोल्डर बनाकर सेव कर लेता था। फिर 15-20 दिन बाद उनकी अश्लील फोटो पोर्न साइट पर पोस्ट होने की जानकारी देता। उसे हटवाने के लिए 20 हजार की मांग करता था। उसके बाद लड़कियां छह से आठ हजार रुपये देने के लिए तैयार हो जाती थीं। स्कूलिंग में पढ़ने वाली लड़कियां अपने घर वालों से किसी बहाने इतना रुपया जुटाकर उसे गूगल पे के माध्यम से अथवा खाते में भेजती थीं।

साइबर क्राइम सेल ने जारी की एडवाइजरी

एसीपी साइबर क्राइम सेल विवेक रंजन राय ने बताया कि सोशल साइट्स का इस्तेमाल करते समय सभी को बहुत ही सावधान रहना चाहिए। किसी भी अपरिचित की फ्रेंड रिक्वेस्ट कतई न स्वीकार करें। नहीं तो जालसाजी का शिकार हो सकते हैं। फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करते समय निम्न बातों का ध्यान रखें। केवल परिचित व्यक्ति की ही फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करें। किसी अंजान के द्वारा भेजा गया लिंक कतई न खोलें वह कितना भी आपको प्रेरित करे। नहीं तो आपकी आइडी हैक हो सकती है। फेसबुक की प्रोफाइल को ब्लॉक करके रखें। अपनी प्राइवेट फोटो व वीडियो शेयर न करें। 

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