अपने ही पैसों के लिए दौड़ लगा रहे नगर निगम कर्मचारी
लखनऊ जेएनएन। नगर निगम कर्मचारियों को अपने ही पैसों के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। बीमा
लखनऊ, जेएनएन। नगर निगम कर्मचारियों को अपने ही पैसों के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। बीमारी में भी उनको पैसा नहीं मिल पा रहा है। यह दर्द किसी एक कर्मचारी का नहीं, बल्कि तमाम ऐसे कर्मचारियों का है जो अपने वेतन से कटौती कराकर लखनऊ म्यूनिसिपल को-आपरेटिव सोसायटी में जमा कराते हैं।
यह रकम नगर निगम के खाते में रहती है, लेकिन सोसायटी के खाते में न आने से कर्मचारियों को अपनी ही रकम को निकालने में दौड़ लगानी पड़ती है। अब सोसायटी के अवैतनिक सचिव के. प्रसाद ने नगर निगम को नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम की 1965 की धारा-40 में साफ कहा गया है कि समिति के दावों को पूरा करने के लिए ऋणी सदस्य की कटौती कर 14 दिन के अंदर समिति को भुगतान करेगा। सोसायटी के अध्यक्ष अशोक कुमार वाल्मीकि का कहना है कि उन्होंने नगर आयुक्त को पत्र देकर कहा है कि फरवरी 2019 से हर माह नगर निगम कर्मियों के वेतन से कटौती की जा रही है, लेकिन कर्मचारियों को अपनी ही रकम पर लोन लेने के लिए दौड़ना पड़ रहा है। करीब दो करोड़ रुपये नगर निगम के पास जमा हैं। उधर, नगर निगम के वित्त नियंत्रक महामिलिंद लाल का कहना है कि सोसायटी को पैसा दिया जाना है। धन का इंतजाम होते ही दे दिया जाएगा। एलडीए की कार्रवाई से क्षुब्ध व्यापार मंडल ने दिया रक्षामंत्री को ज्ञापन एलडीए की कार्रवाई से नाराज व्यापारियों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सोमवार को एक ज्ञापन सौंपा। सर्वोदय व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष अतुल शुक्ला के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल रक्षा मंत्री से मिला और एलडीए की कार्रवाई को गलत बताते हुए दुकानों को न तोड़ जाने की मांग की। उन्होंने यथास्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि व्यापारी इन दुकानों को 40 साल से संचालित कर रहे हैं। ऐसे में अचानक एलडीए का दुकानों को तोड़े जाने का अल्टीमेटम गलत है। इस पर रक्षा मंत्री ने व्यापारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि डीएम से बात कर सरल रास्ता निकाला जाएगा।