Mukhtar Ambulance Case: 14 दिन की न्यायिक रिमांड में रखा जाएगा मुख्तार अंसारी, बाराबंकी के प्रभारी सीजेएम ने दिए आदेश

एंबुलेंस पंजीयन मामले में साजिश के आरोपित बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की सोमवार को बाराबंकी में पेशी हुई। इस मामले में अगली सुनवाई 28 जून को होगी। इसके अलावा 14 दिन की न्‍यायिक रिमांड पर रखने का भी आदेश किया गया है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 10:30 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 10:30 PM (IST)
Mukhtar Ambulance Case: 14 दिन की न्यायिक रिमांड में रखा जाएगा मुख्तार अंसारी, बाराबंकी के प्रभारी सीजेएम ने दिए आदेश
अगली तिथि 28 जून को निर्धारित करने का आदेश

 बाराबंकी, जेएनएन। एंबुलेंस पंजीयन मामले में साजिश के आरोपित बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पहली पेशी हुई। सीजेएम के अवकाश पर होने के कारण प्रभारी सीजेएम कमलापति ने मामले की सुनवाई की। उन्होंने मुख्तार को 14 दिन की न्यायिक रिमांड में रखने और सुनवाई की अगली तिथि 28 जून को निर्धारित करने का आदेश दिया।

मुख्तार के अधिवक्ता रणधीर सिंह ‘सुमन’ व विजय प्रताप सिंह ने रिमांड का विरोध किया। तर्क दिया कि मुख्तार अंसारी 16 साल से जेल में हैं। उनके द्वारा एंबुलेंस प्रकरण में अपराध करने का कोई औचित्य नहीं बनता। अभियोजन अधिकारी ने केस डायरी व पुलिस के प्रपत्रों को पेश कर मुख्तार की ओर से दी गई दलीलों का खंडन किया। अदालत ने केस डायरी के अवलोकन में पाया कि इस मामले की सह अभियुक्त डा. अलका राय के बयान में मुख्तार अंसारी का नाम आया है। अदालत ने कहा कि मुख्तार की ओर से दी गई दलीलें विचार की विषय वस्तु हैं। इस स्तर पर केवल यह देखा जाएगा कि उसके खिलाफ कौन-कौन सा अपराध बनता है।

पेशी से पूर्व मऊ गई टीम खाली हाथ लौट आई थी। अदालत में विवेचक महेंद्र प्रताप सिंह और कोतवाल पंकज सिंह मौजूद थे। गौरतलब है कि मुख्तार की पेशी को लेकर बाराबंकी पुलिस रविवार देर रात तक कसरत करती रही। देर रात वीसी के जरिए पेशी होना तय हो गया था।

श्‍याम संजीवनी की अस्‍पताल की संचालिका डाक्‍टर अलका को किया गया था गिरफ्तार

इससे पहले बाराबंकी पुलिस ने एंबुलेंस केस में मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका डॉक्टर अलका राय और उनके भाई एसएन राय को गिरफ्तार किया था, जबकि एंबुलेंस के फर्जी पंजीकरण दस्तावेजों पर डॉ. अलका राय से साइन कराने वाले मऊ के राजनाथ यादव को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। राजनाथ यादव के बयान के आधार पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया था । इन सभी पर फर्जी कागजात के आधार पर एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन कराने का आरोप है। इसी के बाद इस केस में मुख्तार अंसारी को भी आरोपी बनाया गया था।

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