Mukhtar Ansari News: लखनऊ आए पंजाब के जेल मंत्री रंधावा, मुख्तार कनेक्शन को लेकर शुरू सियासी संग्राम

Mukhtar Ansari News पंजाब के जेल मंत्री सुखज‍िंदर सिंह रंधावा एक कार्यक्रम में शरीक होने लखनऊ पहुंचे थे और विवादों में घिर गए। इंटरनेट मीडिया पर मुख्तार के करीबियों व परिवारीजन से मुलाकात की चर्चा गर्म। यूपी के मंत्री सिद्धार्थनाथ ने लगाए सीधे आरोप मेहमान मंत्री का आरोपों से इन्कार।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sat, 13 Mar 2021 11:03 PM (IST) Updated:Sun, 14 Mar 2021 08:07 AM (IST)
Mukhtar Ansari News: लखनऊ आए पंजाब के जेल मंत्री रंधावा, मुख्तार कनेक्शन को लेकर शुरू सियासी संग्राम
Mukhtar Ansari News: इंटरनेट मीडिया पर मुख्तार के करीबियों व परिवारीजन से मुलाकात की चर्चा गर्म।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। पंजाब की जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को यूपी में लाने की कसरत को लेकर यूपी और पंजाब की सरकारें आमने-सामने हैं। उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी के विरुद्ध दर्ज हत्या समेत अन्य संगीन मामलों को लेकर पुलिस उसे पंजाब की जेल से यहां लाने के प्रयास करीब दो वर्षों से कर रही है, लेकिन विफल रही है। राज्य सरकार इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा चुकी है। इस बीच शुक्रवार को पंजाब के जेल मंत्री सुखज‍िंदर सिंह रंधावा एक कार्यक्रम में शरीक होने लखनऊ पहुंचे थे और विवादों में घिर गए।

इंटरनेट मीडिया पर पंजाब के मंत्री रंधावा के यहां मुख्तार के करीबियों व परिवारीजन से मुलाकात करने की ऐसी चर्चा शुरू हुई कि इसे लेकर संदेश वायरल होते रहे। कई तस्वीरें भी वायरल हुईं। इसमें एक फोटो में मंत्री के पास खड़े एक व्यक्ति के मुख्तार अंसारी का करीबी होने का दावा भी किया गया। रंधावा यहां एक पांच सितारा होटल में ठहरे थे, जहां उनके मुख्तार के परिवारीजन से गुपचुप मुलाकात की खबरें इंटरनेट मीडिया पर धड़ल्ले से तैरने लगीं। 

यह भी दावा किया गया कि मंत्री रंधावा को लखनऊ एयरपोर्ट पर मुख्तार के करीबियों की टीम ने ही रिसीव किया था और रंधावा जिस लग्जरी कार से होटल पहुंचे, उसे भी मुख्तार का करीबी चला रहा था। हालांकि, पुलिस अधिकारी मंत्री रंधावा के यहां मुख्तार के परिवारीजन या किसी करीबी से मिलने की जानकारी से इन्कार करते रहे। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि मुख्तार के परिवारीजन से मंत्री की मुलाकात का कोई प्रमाण अब तक उनके सामने नहीं आया है।

मुख्तार के लोगों संग छुपा-छुपाई करते आए मंत्री : सिद्धार्थनाथ 

योगी सरकार के प्रवक्ता और एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने एक समाचार एजेंसी को दिए बयान में कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार पर चोर-चोर मौसेरे भाई वाला मुहावरा सिद्ध होता है। मुख्तार अंसारी पर कत्ल का इल्जाम है। हम उसे पंजाब जेल से वापस लाना चाहते है, लेकिन पंजाब सरकार लाने नहीं दे रही। सिंह ने कहा कि दूसरी तरफ पंजाब के जेल मंत्री मुख्तार अंसारी के लोगों के साथ छुपा-छुपाई करने उत्तर प्रदेश आए हैं। वह कई लोगों द्वारा देखे गए हैं। प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी को इसे स्पष्ट करना चाहिए।

आधिकारिक दौरे पर गया था लखनऊ : रंधावा 

पंजाब के जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा है कि अगर उन्हें मुख्तार अंसारी के केस में उत्तर प्रदेश जाना होता तो वह जेल विभाग के अफसरों के साथ जाते। जिन लोगों को मुख्तार अंसारी का गुर्गा कहा जा रहा है, उनके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि मुझे मंत्री के तौर पर जो सुरक्षा मुहैया करवाई गई थी, वह उत्तर प्रदेश सरकार ने मुहैया करवाई। रंधावा ने कहा कि सहकारिता विभाग में उन्होंने सभी को-आपरेटिव बैंकों को मर्ज करके एक बड़ा बैंक बना दिया है और इसके कंप्यूटरीकरण के लिए जिन चार राज्यों ने बीएसएनएल से काम कराया है, उनका अध्ययन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ ने ऐसा किया है, इसीलिए विभागीय अफसरों के साथ उत्तर प्रदेश की को-आपरेटिव समितियों, बैंकों आदि का काम देखने गए थे। रंधावा ने कहा कि यह निजी नहीं, बल्कि अधिकारिक दौरा था, जिसमें रजिस्ट्रार को-आपरेटिव विभाग विकास गर्ग और एमडी को-आपरेटिव बैंक हरगुणजीत कौर भी साथ थीं। इसके अलावा बीएसएनएल के जनरल मैनेजर भी थे।

मंत्री बैठक कर गए, बीएसएनएल को पता ही नहीं: बीएसएनएल यूपी पूर्वी सर्किल के प्रधान महाप्रबंधक (विक्रय व विपणन) जफर इकबाल का कहना है कि बाराबंकी में किसी तरह के निरीक्षण की जानकारी नहीं है। इसके बारे में संबंधित क्षेत्र के जीएम से ही पता चल सकेगा। इसी तरह बाराबंकी के टीडीएम डीके स‍िंह का कहना था कि बाराबंकी में 12 सहकारी व ग्रामीण बैंकों में लीज लाइन से इंटरनेट कनेक्टिविटी है। इनको अपग्रेड करने के साथ करीब 65 ग्रामीण बैंकों में वायरलेस इंटरनेट कनेक्शन देने के लिए बीएसएनएल काम कर रहा है। शुक्रवार को क्षेत्र के जीएम प्रभाष यादव फैजाबाद से जरूर आए थे। उनकी सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी थी, लेकिन किसी मंत्री के आने की कोई सूचना नहीं थी। 

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