Mukhtar Ansari News: डिप्टी जेलर पर हमले के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी तय होगा आरोप, लखनऊ में 11 को पेशी

Mukhtar Ansari News लखनऊ में वर्ष 2000 में जिला जेल में कारापाल व उपकारापाल पर हमला जेल में पथराव व जानमाल की धमकी देने के मामले में मुल्जिम मुख्तार अंसारी को एमपीएमएलए की विशेष अदालत ने 11 अगस्त को व्यक्तिगत रुप से पेश करने का आदेश दिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 12:30 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 12:35 PM (IST)
Mukhtar Ansari News: डिप्टी जेलर पर हमले के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी तय होगा आरोप, लखनऊ में 11 को पेशी
मऊ से बहुजन समाज पार्टी के विधायक मुख्तार अंसारी

लखनऊ, जेएनएन। पंजाब की रूपनगर के बाद प्रदेश की बांदा जिला जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पचास से अधिक संगीन मामलों में नामजद मऊ से बहुजन समाज पार्टी के विधायक मुख्तार अंसारी को लखनऊ में 2000 में जेल कर्मियों पर हमले के साथ ही जेल में अराजकता फैलाने के मामले में लखनऊ कोर्ट ने व्यकितगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है।

राजधानी लखनऊ में वर्ष 2000 में जिला जेल में कारापाल व उपकारापाल पर हमला, जेल में पथराव व जानमाल की धमकी देने के मामले में मुल्जिम मुख्तार अंसारी को एमपीएमएलए की विशेष अदालत ने 11 अगस्त को व्यक्तिगत रुप से पेश करने का आदेश दिया है। विशेष जज पवन कुमार राय ने मुख्तार की पेशी के लिए आदेश की प्रति मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त, लखनऊ व अतिरिक्त महानिदेशक कारागार के साथ ही बांदा जेल के वरिष्ठ अधीक्षक को भी भेजने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने कहा है यह मामला पिछले 20 वर्ष से लंबित है। इस मामले में मुल्जिम मुख्तार अंसारी पर आरोप तय होना है, लेकिन बार-बार आदेश देने के बाद भी अभियोजन व संबधित थाने के द्वारा रुचि नहीं लेने के कारण कार्यवाही अग्रसारित नहीं हो पा रही है। इससे पूर्व बांदा के वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने एक अर्जी से अदालत को बताया मुल्जिम को गंभीर बीमारियां हैं, जिसकी वजह से अदालत के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थ है। उसके विरुद्ध आरोप तय करने की कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंसिग से की जाए। विशेष जज ने आदेश में कहा है कि अब अदालत भौतिक रूप से नियमित चलने लगा है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने अपनी अर्जी में इस बात की कोई आख्या नहीं दी है कि उनके द्वारा मुल्जिम को आरोप विरचन के लिए अदालत में उपस्थित कराया जा सकता है अथवा नहीं। इस मामले में मुल्जिम की मात्र पेशी नहीं होनी है बल्कि उस पर आरोप विरचित किया जाना है। इसके बाद 11 अगस्त को एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने कोर्ट में हाजिर करने का आदेश दिया। 

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