Mukhtar Ansari Ambulance Case: आठ साल में 82 हजार Km चली बाहुबली मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस
Mukhtar Ansari Ambulance Case जेल से अदालत और अस्पताल जाने के लिए प्रयोग होती थी एंबुलेंस। पांच अप्रैल 2021 को यह एंबुलेंस बाराबंकी पुलिस को पंजाब में ढाबे किनारे लावारिस मिली थी। रीडिंग नोट की गई जो 81 हजार 968 किलोमीटर मिली।
बाराबंकी, जेएनएन। Mukhtar Ansari Ambulance Case: पंजाब में लावारिस मिली बाहुबली मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस देश में चर्चा का विषय है। वह इसका उपयोग आठ साल से कर रहा था। इस दौरान जेल से अस्पताल और अदालत जाने में यह एंबुलेंस 81 हजार 968 किलोमीटर चली है।
मुख्तार 21 दिसंबर 2013 में बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय में पंजीकृत कराई गई एंबुलेंस यूपी 41 एटी 7171 का ही प्रयोग करता रहा है। करीब 2005 से जेल में निरुद्ध मुख्तार को 21 जनवरी 2019 पंजाब में रूपनगर जेल शिफ्ट किया गया था। वहां भी वह इसी एंबुलेंस का प्रयोग करता रहा। पांच अप्रैल 2021 को यह एंबुलेंस बाराबंकी पुलिस को पंजाब में ढाबे किनारे लावारिस मिली थी।
दूसरे दिन ली मीटर रीडिंग: एंबुलेंस के तकनीकी मुआयने के लिए परिवहन विभाग के आरआइ सुलतानपुर लक्ष्मीकांत और पुलिस विभाग की परिवहन शाखा के तकनीकी विशेषज्ञ लगाए गए। छह अप्रैल को एडीजी लखनऊ जोन डा.एसएन साबत और एसपी यमुना प्रसाद ने पुलिस लाइंस में एंबुलेंस का मुआयना किया गया। इस दौरान तकनीकी जानकारों ने मीटर रीडिंग ही नोट नहीं की। दूसरे दिन बुधवार को जब पुलिस अफसरों को होश आया तो परिवहन विभाग के अधिकारियों को बुलाकर रीडिंग नोट की गई, जो 81 हजार 968 किलोमीटर मिली।
देर रात पता चला इंजन नंबर तकनीकी जानकार मंगलवार घंटों एंबुलेंस के इंजन का नंबर तलाशते रहे, लेकिन खोज नहीं सके। आखिरकार रात में टाटा के वर्कशॉप ले जाया गया, लेकिन वह भी बंद हो गया था। हालांकि राहत की बात यह रही कि एक निजी मैकेनिक की मदद से आरसी में दर्ज इंजन का नंबर पता कर मिलान किया गया। इससे यह साफ हो गया कि बाराबंकी में पंजीकृत एंबुलेंस ही पंजाब में मिली थी।