ऑपरेशन से अलग राम-श्याम का केजीएमयू में मना जन्मदिन
आयुष्मान से मुफ्त ऑपरेशन बकरे के लिवर पर डाक्टरों ने किया था ट्रायल।
लखनऊ : ऑपरेशन के जरिए अलग किए गए शारीरिक रूप से जुड़े राम-श्याम का जन्मदिन रविवार को केजीएमयू में धूमधाम से मनाया गया। इतना ही नहीं, कामयाब ऑपरेशन करने वाली डॉक्टरों और नर्सो की टीम को कुलपति ने सम्मानित किया। इस दौरान बच्चों की मां ने भी सभी का आभार जताया। भावुक होकर कहा, मेरे राम-श्याम को नई जिदगी मिली है। कोशिश करूंगी कि ये दोनों भी बड़े होकर डॉक्टर बनें और दूसरों की जिंदगी बचाएं।
कुशीनगर के भलूहा निवासी प्रियंका के घर पिछले साल छह नवंबर को शारीरिक रूप से आपस में जुड़े राम-श्याम ने जन्म लिया था। खुशी के साथ परिजनों के लिए यह पल बड़ी मुश्किल भी लेकर आया। इसलिए क्योंकि शरीर जुड़े होने से बच्चों को पालना दूभर हो गया था। प्रियंका के मुताबिक, वे पहले बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर पहुंचे मगर कोई रास्ता नहीं मिला। 60 दिन की उम्र होने पर बच्चों को केजीएमयू रेफर कर दिया गया। पीडियाट्रिक विभाग में आपरेशन की तैयारी चल रही थी, तभी लाकडाउन लग गया। हालांकि, पिछले दिनों बेहद जटिल ऑपरेशन के बाद बच्चे अलग-अलग कर दिए गए। भावुक प्रियंका कहती हैं, दो जान अब अलग-अलग जिस्म के साथ सकुशल हैं। इस दौरान कुलपति ले. जनरल डॉ. विपिन पुरी ने ऑपरेशन व इलाज में शामिल सीनियर-जूनियर 23 डॉक्टरों को सम्मानित किया। पांच ओटी स्टाफ को भी प्रशस्ति पत्र दिया गया।
बेहद जटिल था ऑपरेशन
सर्जरी टीम में शामिल डॉक्टरों का कहना है कि एक लाख बच्चों में ऐसा एक जन्म होता है। इनमें 70 फीसद बच्चों की मौत हो जाती है। राम-श्याम की सर्जरी बेहद जटिल थी क्योंकि लिवर रिसक्शन की अल्ट्रासोनिक क्यूबा मशीन पहले प्रयोग नहीं हुई थी। ऐसे में बकरे के लिवर मंगवाकर ट्रायल किया गया। बच्चों का ऑपरेशन आयुष्मान योजना से फ्री हुआ है। प्राइवेट अस्पताल में यह खर्च चार से पांच लाख रुपये तक आता है।