यूपी में दैवी आपदाओं में सर्वाधिक मौतें सर्पदंश से, जानिए आपदा और उनसे हुई जनहानि
बीते दो वर्षों के दौरान सर्पदंश के बाद प्रदेश में दैवी आपदाओं से सर्वाधिक जनहानि बिजली गिरने की वजह से हुई है। 2019-20 में बिजली गिरने से 466 तो 2020-21 में 303 मौतें हुईं। मौतों की संख्या के लिहाज से तीसरा स्थान अत्यधिक बारिश का रहा है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार की ओर से घोषित दैवी आपदाओं में सर्वाधिक मौतें सर्पदंश से हो रही हैं। वर्ष 2019-20 में दैवी आपदाओं से प्रदेश में कुल 1509 लोगों ने जान गंवाई थी, जिसमें 484 मौतें सांपों के काटने की वजह से हुई थीं। वर्ष 2020-21 में दैवी आपदाओं से काल के गाल में समाने वाले 1288 लोगों में से सर्वाधिक 533 की मृत्यु विषधर के दंश से हुई। वर्ष 2021-22 में 15 जुलाई तक दैवी आपदाओं से दम तोडऩे वाले 546 व्यक्तियों में से सबसे ज्यादा 158 लोगों की जीवनलीला सांप के काटने से खत्म हुई।
बीते दो वर्षों के दौरान सर्पदंश के बाद प्रदेश में दैवी आपदाओं से सर्वाधिक जनहानि बिजली गिरने की वजह से हुई है। 2019-20 में बिजली गिरने से 466 तो 2020-21 में 303 मौतें हुईं। मौतों की संख्या के लिहाज से तीसरा स्थान अत्यधिक बारिश का रहा है। 2019-20 में अत्यधिक बारिश 350 लोगों की मौत की वजह बनी तो 2020-21 में 185 व्यक्तियों को इस वजह से जान गंवानी पड़ी। गौरतलब है कि आपदा से जान गंवाने वाले व्यक्ति के आश्रितों को सरकार चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देती है।
डूबने से भी लगातार हो रहीं मौतें : योगी सरकार ने बीती नौ जून को प्रदेश में कुआं, नदी, झील, तालाब, पोखर, नहर, नाला, गड्ढा, जल प्रपात में डूबकर होने वाली मृत्यु को राज्य आपदा घोषित किया था। तब से लेकर 15 जुलाई तक प्रदेश में 135 लोगों की मौत डूबने से हुई है। वर्ष 2021-22 में सर्पदंश के बाद डूबने से हुई मृत्यु दैवी आपदाओं से हुईं मौतों के मामलों में दूसरी सबसे बड़ी वजह के रूप में सामने आयी है।
आपदा और उनसे हुई जनहानि
आपदा 2019-20 2020-21 2021-22
अतिवृष्टि - 350 185 24
आंधी-तूफान 84 128 65
बिजली गिरने से 466 303 122
ओले गिरने से 0 1 0
नाव दुर्घटना 23 21 2
बाढ़ 0 42 3
बेमौसम भारी वर्षा 0 2 5
बोरवेल में गिरने से 3 2 1
मानव वन्यजीव द्वंद्व 33 29 11
सर्पदंश 484 533 158
अग्निकांड 49 35 20
सीवर सफाई 17 5 0
कीट आक्रमण 0 1 0
चक्रवात 0 1 0
डूबकर होने वाली मौत 0 0 135