Covid-19 in Lucknow: केजीएमयू के 100 और डॉक्टर व स्टाफ संक्रमित, डफरिन में 40 लोग पॉजिटिव
Lucknow Coronavirus News 50 फीसद तक घटी सरकारी अस्पतालों में कोरोना जांच अधिकांश कर्मचारी संक्रमित। एक अप्रैल से रोजाना होने वाली मौतों का औसत बढ़कर हुआ नौ। भर्ती होने वाले मरीजों का आंकड़ा लगातार पांच दिनों से बंद।
लखनऊ, जेएनएन। Covid-19 in Lucknow: शहरवासियों पर कोरोना कहर बनकर टूट पड़ा है। शनिवार को डफरिन अस्पताल में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका समेत 40 डाक्टर व स्टाफ के अतिरिक्त संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के दस नए नर्सिंग स्टाफ समेत जिले में रिकार्ड 4059 संक्रमित मिले। एसजीपीजीआइ में पिछले तीन दिनों में अब तक 73 नर्सिंग स्टाफ और डाक्टर संक्रमित हो चुके हैं। इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर ब्रेक लगने लगा है। इससे पहले पीजीआइ के निदेशक डा. आरके धीमान व सीएमएस कार्यालय के करीब आठ कर्मचारी भी संक्रमित हो चुके हैं। शनिवार को डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल (सिविल) में तीन अन्य डाक्टरों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। पिछले 24 घंटे में 23 लोगों को मौत हो गई। यह पिछले एक वर्ष के दौरान एक दिन में होने वाली सर्वाधिक मौतें हैं। वहीं केजीएमयू के करीब 100 डॉक्टर व स्टाफ फिर से संक्रमित हो गए हैं। अब केजीएमयू में 200 के ऊपर संक्रमित स्टाफ की संख्या पहुंच गई है।
तीन सौ से ज्यादा डाक्टर व अन्य कर्मी हो चुके संक्रमित : अब तक लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में तीन सौ से भी ज्यादा डाक्टर व चिकित्सा कर्मीसंक्रमित हो चुके हैं। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था की सांसें भी उखडऩे लगी हैं। नॉन कोविड मरीज भी अस्पतालों से लौटाए जा रहे हैं। केजीएमयू में सौ से अधिक, पीजीआइ में 80 से अधिक, डफरिन में 60 से ज्यादा, बलरामपुर में बीस, सिविल में 12 से ज्यादा, लोकबंधु में छह से अधिक व सबसे कम लोहिया संस्थान में दो से ज्यादा डॉक्टर व अन्य कर्मीसंक्रमित हो चुके हैं।
कई निजी लैब बंद : लगातार दिन दूना रात चौगुना की रफ्तार से संक्रमण बढ़ रहा है। इसके चलते सिविल, बलरामपुर, केजीएमयू लोहिया संस्थान इत्यादि अस्पतालों की ओपीडी में होने वाली कोरोना जांच आधी से भी कम कर दी गई है। वहीं, कई बड़ी व छोटी निजी लैब कोरोना संक्रमण के साथ ही जांच में गड़बड़ी और प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते रहने के चलते बंद कर दी गई हैं। इससे निजी अस्पतालों में भी जांच के लिए मरीजों की रिपोर्ट भी तीन-चार दिनों बाद आ रही है। ज्यादातर अस्पतालों के कर्मचारी संक्रमित हो जाने के चलते रोजाना ओपीडी में होने वाली कोरोना मरीजों की जांच में यह भारी गिरावट आई है। जांच में देरी व रिपोर्ट के इंतजार में घर पर पड़े मरीजों की हालत गंभीर हो रही है।
स्वास्थ्य विभाग भर्ती नहीं करा पा रहा मरीज : कोरोना के कई गंभीर मरीज चार-पांच दिनों से अपने घरों में ऑक्सीजन सिलिंडर लगाकर पड़े हैं। उन्हें विभाग कहीं भर्ती नहीं करा पा रहा है। विभाग की ओर से लगातार अस्पतालों में बेड बढ़ाने के दावे भी किए जा रहे हैं। कुछ बेड भले बढ़ाए गए हो, लेकिन पूरी तरह से अस्पतालों में बताई गई संख्या के अनुसार अभी तक बेड सक्रिय नहीं हो सके हैं।
लखनऊ में मौतें 1300 के पार : लखनऊ में एक अप्रैल से अब तक करीब 88 लोगों की मौत हो चुकी है। यानी रोजाना लगभग नौ लोगों की जान जा रही है। इससे शनिवार को कुल मौतों का आंकड़ा 1301 तक पहुंच गया। साथ ही सक्रिय मरीजों की संख्या भी 16,000 के आंकड़े को पार करते हुए 16,690 पहुंच चुकी है।