UP में ई-कवच एप करेगा टीका न लगने की मुखबिरी, जेई टीकाकरण अभियान के दौरान होगा लांच
जेई से बचाने के लिए 4.3 लाख लाभार्थियों की रियल टाइम मानीटरिंग की जा रही है। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ.अजय घई के मुताबिक जिन लाभार्थियों को टीका लगाया जाना है ई-कवच एप पर उनके नाम मोबाइल नंबर और पता सहित सारा ब्योरा अपलोड किया गया है।
लखनऊ, [आशीष त्रिवेदी]। ई-कवच एप अब टीका लगाने की झूठी रिपोर्ट का भंडाफोड़ करेगा। एप के जरिये एक-एक लाभार्थी को टीका लगाए जाने की बारीकी से मानीटरिंग की जा सकेगी। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) टीकाकरण अभियान के दौरान इसे लांच करने की पहल की गई है। जेई से बचाने के लिए 4.3 लाख लाभार्थियों की रियल टाइम मानीटरिंग की जा रही है। इसी तरह अन्य टीकाकरण अभियानों में भी इस एप का प्रयोग किया जाएगा। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ.अजय घई के मुताबिक जिन लाभार्थियों को टीका लगाया जाना है, ई-कवच एप पर उनके नाम, मोबाइल नंबर और पता सहित सारा ब्योरा अपलोड किया गया है। अभी एएनएम टीका लगाने के बाद ब्लॉक में मैनुअल रिपोर्ट जमा कर बताती हैं कि कितने लाभार्थियों को टीका लगाया गया। फिर ब्लॉक से जिला स्तर पर और यहां से राज्य स्तर पर टीकाकरण की रिपोर्ट भेजी जाती है। रिपोर्ट में जिन लाभार्थियों को टीका लगाया जा चुका है, उनकी संख्या दर्ज होती है। अब ई-कवच एप पर इसकी ऑनलाइन सूची दर्ज है।
इसके तहत लाभार्थी को टीका लगाने के बाद एएनएम उसके सामने ही टीकाकरण का ब्योरा ऑनलाइन दर्ज करेंगी। अभी टीकाकरण से संबंधित जानकारी जिलों से राज्य मुख्यालय तक देर-सवेर पहुंचती है, लेकिन एप के प्रयोग से स्टेट कंट्रोल रूम की मदद से एप पर अपलोड हो रहे रियल टाइम डाटा की मानीटरिंग की व्यवस्था की गई है। कंट्रोल रूम से किसी भी लाभार्थी को औचक फोन जाएगा और यदि टीकाकरण की सूचना गलत हुई तो यह तुरंत पकड़ में आ जाएगी।
अनमोल एप पर कोरोना टीकाकरण की रिपोर्ट
प्रदेश में एएनएम ऑनलाइन यानी अनमोल एप की मदद से कोरोना टीकाकरण का काम भी पेपरलेस किया जाएगा। लाभार्थियों का डाटा ऑनलाइन अपलोड किया जा रहा है। केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार मार्च में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगेगा।