लखनऊ में गर्भवतियों के COVID-19 टीकाकरण के लिए होगा मोबाइल वैन का इंतजाम, डीएम ने दिए निर्देश

बैठक में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम सहित सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। गर्भवतियों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को वैन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 09:16 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 01:29 PM (IST)
लखनऊ में गर्भवतियों के COVID-19 टीकाकरण के लिए होगा मोबाइल वैन का इंतजाम, डीएम ने दिए निर्देश
डीएम अभिषेक प्रकाश ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दिए निर्देश।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सबसे कारगर वैक्सीन है। ऐसे में अधिक से अधिक लोगों को खासकर गर्भवतियों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को वैन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम सहित सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। इसके साथ ही अगस्त में आयोजित होने वाले विभिन्न स्वास्थ्य अभियानों एवं गतिविधियों की तैयारियों का जायजा लिया गया।

जिलाधिकारी ने बताया कि कोरोना से बचाव का एकमात्र हथियार कोविड टीकाकरण है। हमें अधिक से अधिक लोगों को जागरूक कर कोविड टीकाकरण कराना होगा। वहीं, उन्होंने निर्देश दिया कि ज्यादा से ज्यादा गर्भवतियों को वैक्सीन लगाई जाए। अगर जरूरत पड़े तो गर्भवतियों को उनके घर से टीकाकरण केंद्र तक लाने के लिए मोबाइल वैन की सुविधा शुरू की जाए। डीएम ने कहा कि 28 जुलाई से एक माह तक चलने वाले बाल स्वास्थ्य पोषण माह (बीएसपीएम) के दौरान अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि नौ माह से पांच वर्ष तक की आयु के चिह्नित ब'चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाए। साथ ही नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी लाए जाए और ब'चों का नियमित टीकाकरण बढ़ाया जाए।

मिले दो संक्रमित: कोरोना के मामलों में तेजी से गिरावट आई है। पिछले चौबीस घंटों में कोरोना के सिर्फ दो नए मरीज मिले हैं। वहीं, सक्रिय मरीजों का इलाज पीजीआई और केजीएमयू में चल रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में 76 अस्पतालों में मरीजों के इलाज की सुविधा थी। कोरोना के काबू आने पर अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या में भी काफी गिरावट आई है। वर्तमान में 68 सक्रिय मरीज हैं।

लापरवाही की कतारें : बलरामपुर अस्पताल परिसर में ओपीडी का पर्चा बनवाने से पहले हर मरीज को कोविड एंटीजन टेस्ट कराना होता है। लापरवाही की ये कतारें इसी टेस्ट के लिए लगी हैं। अगर इस भीड़ में एक भी कोरोना का मरीज रहा होगा तो कइयों को संक्रमण बांट गया होगा। हैरत की बात है मरीज-तीमारदार तो कोविड के प्रति बेपरवाह दिखे ही, अस्पताल प्रशासन भी लापरवाह मूक दर्शक बना रहा।

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