यूपी में अब बंजर जमीन भी होगी हरी-भरी, घर जाकर बागवानी के गुर सिखाएगी उद्यान विशेषज्ञों की मोबाइल टीम

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग आपके घर जाकर न केवल बागवानी के गुर सिखाएगा बल्कि मौसमी फूलों और फलों के पौधे लगाने की जानकारी भी देगा। इसके लिए हर मंडल में एक उद्यान विशेषज्ञों की मोबाइल टीम का गठन होगा।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sun, 08 Aug 2021 10:30 AM (IST) Updated:Sun, 08 Aug 2021 09:42 PM (IST)
यूपी में अब बंजर जमीन भी होगी हरी-भरी, घर जाकर बागवानी के गुर सिखाएगी उद्यान विशेषज्ञों की मोबाइल टीम
यूपी में मोबाइल पाठशाला से मिलेगा हरियाली का पाठ।

लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। उत्‍तर प्रदेश में बंजर हो रही धरती को हरा-भरा करने के प्रयास में एक नया अध्याय जुडऩे जा रहा है। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग अब आपके घर जाकर न केवल बागवानी के गुर सिखाएगा बल्कि मौसमी फूलों और फलों के पौधे लगाने की जानकारी भी देगा। इसके लिए हर मंडल में एक उद्यान विशेषज्ञों की मोबाइल टीम का गठन किया जाएगा।

पर्यावरण में आ रहे बदलाव का असर आम लोगों के जीवन पर भी पडऩे लगा है। विकास के नाम पर हरियाली को नष्ट करने में कोई संकोच भी नहीं किया जा रहा है। बावजूद इसके पर्यावरण को लेकर कुछ लोग संजीदा हैं, लेकिन पौधों और उनके लगाने के समय की जानकारी के अभाव में वह पौधरोपण नहीं कर पाते। आम, अमरूद, कटहल, नींबू व आंवला की बागों को लगाने से पहले किसानों की इसकी सही जानकारी नहीं होती। किसान भी उद्यान विभाग के अधिकारियों के पास जाने में संकोच करते हैं। उद्यान विभाग ने इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए विशेषज्ञों की मोबाइल पाठशाला शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया है जहां हरियाली बढ़ाने के गुर सिखाए जाएंगे।

मोबाइल पाठशाला की टीम ऐसे करेगी काम: उद्यान विभाग की ओर से बनने वाली मोबाइल पाठशाला के विशेषज्ञों की टीम आनकाल मंडल कार्यालयों में तैयार रहेगी। इसके लिए फोन नंबर जारी किया जाएगा जिससे फोन करके लोग अपने पास मोबाइल विशेषज्ञों को बुला सकें। निदेशालय की ओर से शासन को भेजे गए प्रस्ताव में 10 करोड़ की मांग की गई है।

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक डा.आरके तोमर ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों के जागरूक करने और पौधरोपण से संबंधित समस्याओं के निस्तारण के लिए यह प्रस्ताव बनाया गया है। शासन से अनुमति मिलते ही मोबाइल उद्यान विशेषज्ञों की टीम गठित कर दी जाएगी। विशेषज्ञों के पास आधुनिक उपकरणों के साथ ही मृदा परीक्षण का भी इंतजाम होगा।

chat bot
आपका साथी