मनरेगा के कार्यों का संचालन अब सिर्फ ग्राम पंचायतें ही नहीं करेंगी, क्षेत्र पंचायतों की भी होगी भागीदारी

महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का संचालन केवल ग्राम पंचायतें ही नहीं करेंगी बल्कि क्षेत्र पंचायतों को भी इसमें भागीदारी मिलेगी। क्षेत्र पंचायत प्रमुख व खंड विकास अधिकारी मिलकर योजना बनाएंगे और दोनों के हस्ताक्षर से ही धन निर्गत होगा।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 11:04 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 05:09 PM (IST)
मनरेगा के कार्यों का संचालन अब सिर्फ ग्राम पंचायतें ही नहीं करेंगी, क्षेत्र पंचायतों की भी होगी भागीदारी
मनरेगा के कार्यों का संचालन में क्षेत्र पंचायतों को भी भागीदारी मिलेगी।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का संचालन केवल ग्राम पंचायतें ही नहीं करेंगी, बल्कि क्षेत्र पंचायतों को भी इसमें भागीदारी मिलेगी। क्षेत्र पंचायत प्रमुख व खंड विकास अधिकारी मिलकर योजना बनाएंगे और दोनों के हस्ताक्षर से ही धन निर्गत होगा। विकास कार्यों की निगरानी ग्राम व क्षेत्र पंचायतें करेंगी, इससे काम पारदर्शी होंगे। इसी तरह से गांवों में पक्के कार्य तेजी से कराएं जाएंगे, वे टिकाऊ होंगे।

ग्राम विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह 'मोती सिंह' ने सोमवार को गन्ना विकास संस्थान में अपने विभाग की साढ़े चार वर्ष की उपलब्धियां गिनाते हुए पत्रकारों को बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोरोना संक्रमण के दौरान मनरेगा योजना के तहत अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। योजना पर 12626.46 लाख रुपये व्यय करके 94.37 लाख परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराकर देश में प्रदेश ने पहला स्थान प्राप्त किया है साथ ही 39.46 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं, जो योजना शुरू होने से अब तक का सर्वाधिक है। उन्होंने बताया कि 100 दिन का रोजगार सात लाख 79 हजार 85 परिवारों को मिला है। 26 जून 2020 को एक दिन में 62.25 लाख श्रमिकों को रोजगार दिया गया, ये एक दिन में मनरेगा योजना में काम करने वाले श्रमिकों की सर्वाधिक संख्या है।

ग्राम विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना 16 जिलों में 19 क्लस्टर्स का सृजन करके 193 गांवों में संचालित की जा रही है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 58 लाख से अधिक ग्रामीण क्षेत्र के परिवार की महिलाओं को पांच लाख 52 हजार 673 स्वयं सहायता समूहों, 25205 ग्राम संगठनों व 1387 संकुल स्तरीय संघों को लाभ दिलाया गया है। 43 जिलों के 204 ब्लाकों में पुष्टाहार उत्पादन व आंगनबाड़ी केंद्रों को वितरण कराने के लिए उत्पादन इकाई की स्थापना का कार्य तेजी से किया जा रहा है, दो पुष्टाहार उत्पादन इकाई स्थापित हो चुकी है।

मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की तर्ज पर पूर्वांचल के पांच जिलों गाजीपुर, सोनभद्र, बलिया, मीरजापुर व चंदौली में काशी दुग्ध उत्पादक कंपनी का गठन किया जा चुका है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 11.66 लाख आवास प्लस का निर्माण किया जा रहा है। अब तक प्रदेश में 22.54 लाख आवास का निर्माण पूरा हो चुका है। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत नक्सल प्रभावित जिलों में एक लाख 30 हजार आवास बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 2021-22 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तीन के बैच दो में 5918.44 करोड़ की लागत से 1078 मार्ग जिनकी लंबाई 8249.41 किलोमीटर है को स्वीकृति मिली है, जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।

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