UP Board Exam 2020: हिंदी की परीक्षा में फेल हुई शिक्षा विभाग की गणित, मानकों और नियमों की उड़ी धज्जियां
UP Board Exam 2020 प्रत्येक परीक्षा कक्ष में दो कक्ष निरीक्षकों का मानक कई विद्यालयों में एक के भरोसे हुई परीक्षा।
लखनऊ, जेएनएन। कक्ष निरीक्षक पूरे होंगे। हर विद्यार्थी पर नजर रहेगी। विद्यालय में बेहतर व्यवस्था रहेगी। ऐसे ही दावे यूपी बोर्ड परीक्षा शुरू होने से पहले माध्यमिक शिक्षा विभाग ने किए थे। मंगलवार को बोर्ड परीक्षा के पहले दिन और पहली पाली में ङ्क्षहदी की परीक्षा में ही सारे दावे हवा हो गए। कक्ष निरीक्षक बनाए गए कई शिक्षक पहुंचे ही नहीं। कई केंद्रों पर तो कक्षों में एक-एक शिक्षक के भरे परीक्षा करानी पड़ी।
यह था शिक्षा विभाग का दावा
परीक्षा से पूर्व डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह का दावा था कि इस बार परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों की कमी नहीं होगी। इस बार एडेड और वित्तविहीन विद्यालयों के 2734 शिक्षक, 2524 शिक्षक खुद विद्यालयों के और बेसिक शिक्षा विभाग के 1100 शिक्षकों को रिजर्व रखा गया है। यह सारे दावे धरे रह गए।
वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षक रहे 'लापता
कक्ष निरीक्षक ड्यूटी में जो शिक्षक पहुंचे नहीं वह वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षक हैं। इसी कारण इतनी अव्यवस्था हुई। बहुत से केंद्र व्यवस्थापकों को कक्षों में एक ही शिक्षक से काम चलाना पड़ा।
यह रही हकीकत
इटौंजा के राष्ट्रपिता स्मारक इंटर कॉलेज में सुबह परीक्षा शुरू होने से पहले तक कक्ष निरीक्षक नहीं आए। विद्यालय प्रबंधन ने आनन फानन में डीआइओएस दफ्तर में सूचना दी। वहां से भी सिर्फ आश्वासन मिला। 13 कक्षों में परीक्षा थी। तमाम प्रयास के बाद भी तीन कक्ष में एक-एक शिक्षक ही रहे।
-पारा क्षेत्र के सरोसा भरोसा स्थित अमर शहीद वीरांगना अवंती बाई लोधी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में 48 कक्ष निरीक्षकों की मांग की गई थी। पर यहां 25 ही पहुंचे।
तेलीबाग स्थित रामभरोसे मैकू लाल इंटर कॉलेज में 53 शिक्षकों की मांग थी। वित्तविहीन वाले 20 शिक्षक आए ही नहीं।
बख्शी का तालाब इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल आर सिंह तोमर के मुताबिक उनके यहां 30 कक्ष निरीक्षकों की जरूरत थी, 24 ही पहुंचे। बाकी शिक्षक कॉलेज के लगाए गए। -मलिहाबाद के क्लासिक मांटेसरी स्कूल में कुल 40 कक्ष निरीक्षकों की मांग थी। 25 अनुपस्थित रहे।
बंथरा के लाला राम स्वरूप इंटर कॉलेज में 45 कक्ष निरीक्षकों की जगह 33 पहुंचे। प्रधानाचार्य डॉ. डीके कौशल ने बताया अधिकारियों को सूचना देने के बाद एमएल पब्लिक कॉलेज के पांच शिक्षक भेजे गए। फिर भी दो कम रहे। राजधानी के 112 केंद्रों में से ज्यादातर में कक्ष निरीक्षकों की कमी रही।