लखनऊ में दबंगों ने कबाड़ियों को किराये पर दे डाली नजूल की जमीन, एलडीए ने चलाया बुलडोजर

डीएम व लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश के निर्देश पर नजूल की भूमि खाली कराने की योजना बनाई गई थी। पहले दिन महिलाओं व वकीलों द्वारा विरोध का सामना भी करना पड़ा था लविप्रा की टीम ने जब कबाड़ियों से बातचीत की तो परत दर परत चीजें खुलनी शुरू हुई।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 12:33 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 12:33 PM (IST)
लखनऊ में दबंगों ने कबाड़ियों को किराये पर दे डाली नजूल की जमीन, एलडीए ने चलाया बुलडोजर
लखनऊ में दबंग नजूल की जमीन पर कब्जा करके कमा रहे थे लाखों, मुकदमा दर्ज।

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) ने सहकारी आवास समिति को कई दशक पहे हनुमान सेतु के पीछे नजूल की भूमि खसरा संख्या 599 व 600 दे रखी थी। इसका पट्टा वर्ष 2011 में ही खत्म हो गया था। इसके बाद भी मोहम्मद फरहान भाटी और सेठ बसीर अहमद भाटी ने जमीन कब्जा करके कबाड़ियों को किराए पर दे रखी थी। इससे हर माह लाखों रुपये किराया वसूल रहे थे। करीब 55 हजार वर्ग फिट जमीन को पूरी तरह से खाली कराने में लविप्रा को तीन दिन लग गए। जमीन की कीमत करीब सौ करोड़ रुपये है। 

डीएम व लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश के निर्देश पर नजूल की भूमि खाली कराने की योजना बनाई गई थी। पहले दिन महिलाओं व वकीलों द्वारा विरोध का सामना भी करना पड़ा था। लविप्रा की टीम ने जब कबाड़ियों से बातचीत की तो परत दर परत चीजें खुलनी शुरू हुई। कबाड़ियों ने बताया कि कैसरबाग रोड स्थित डिवाइन अपार्टमेंट निवासी मोहम्मद फरहान भाटी और सेठ बसीर अहमद ने उन्हें कई साल पहले यहां बसाया था। हर माह किराया वसूलते थे। हर झुग्गी का किराया अलग अलग था। वहीं बिजली का उपयोग बिना कनेक्शन के हो रहा था। लविप्रा ने कई धाराओं में दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज  कराया है।

लाखों रुपये आया जमीन खाली कराने में खर्च 

हनुमान सेतु के पीछे स्थित नजूल की 55 हजार वर्ग फिट जमीन को खाली कराने में तीन दिन पूरी तरह से लग गए। इस दौरान लविप्रा को कई मजदूर लगाने के साथ ही बुलडोर भी लगाना पड़ा। कई घंटे तक स्थायी व अस्थायी निर्माण तोड़ने में घंटों लग गए। अधिकारियों के मुताबिक खर्च का आंकलन किया जा रहा है। खर्च भी मोहम्मद फरहान भाटी और सेठ बसीर अहमद से वसूल किया जाएगा। 

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