Leopard Terror: लखीमपुर में तेंदुए ने बालक का किया शिकार; 15 दिन में दूसरी मौत
Leopard Terror लखीमपुर के धौरहरा ईसानगर थाना क्षेत्र के चकदहा गांव का मामला। 13 वर्षीय बालक पर तेंदुए ने किया हमला शोर सुनकर खेतों में गुम। रेंजर अनिल शाह का कहना है कि हमलावर तेंदुआ है या बाघ अभी कहना मुश्किल है। तलाश जारी।
लखीमपुर, जेएनएन। Leopard Terror: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में एक दर्दनाक घटना हुई। रविवार की सुबह 10 बजे एक तेंदुए ने 13 वर्षीय बालक को शिकार बना लिया। वह अपने दो साथियों के साथ खेत में अपने चाचा के लिए खाना ले गया था। तभी तेंदए ने हमला कर दिया। तेंदुए ने बालक को गर्दन से पकड़ कर दो तीन झटके दिए और शोर की वजह से छोड़ कर खेतों में गुम हो गया।
ये है पूरा मामला
मामला धौरहरा ईसानगर थाना क्षेत्र के चकदहा गांव का है। बताया जा रहा है कि साहबदीनपुरवा गांव का निवासी चंदन (13) पुत्र नेकराम अपने दो साथियों दुर्गेश (15) और ब्रजेश (13) के साथ चार किलोमीटर दूर घाघरा नदी नाव से पार कर खेत में अपने चाचा रामसहारे और बाबा आशाराम के लिए खाना ले गया था। खाना देने के बाद तीनों लड़के गन्ने के खेत में चारा काटने लगे। दुर्गेश और ब्रजेश खेत की मेड़ पर थे और चंदन थोड़ा भीतर। इसी समय खेत में छिपे तेंदुए ने चंदन को दबोच लिया। साथी लड़कों ने यह देखा तो शोर मचाने लगे। उनकी आवाज सुनकर पास ही अपने खेत के पास मौजूद प्यारेलाल जायसवाल दौड़ कर आ गए। इस बीच तेंदुए ने चंदन को गर्दन से पकड़ कर दो तीन झटके दिए और शोर की वजह से छोड़ कर खेतों में गुम हो गया। घटना की खबर साहबदीनपुरवा गांव पहुंची तो वहां से कई नावों पर सवार होकर सैकड़ों लोग घटनास्थल आए। वहां से चंदन का शव लेकर ग्रामीण वापस। इस घटना से पूरे गांव में मातम पसरा है।
15 दिन के भीतर दूसरी घटना
15 दिन के भीतर तेंदुआ के हमले में दूसरी मौत से दहशत फैल गई है। रेंजर अनिल शाह का कहना है कि हमलावर तेंदुआ है या बाघ, अभी कहना मुश्किल है। गांव के प्रधान ने अपनी सूचना में बाघ लिखा है लेकिन, अभी इस पर भरोसा नहीं कर सकते।
दो शावक भी हैं नरभक्षी के साथ
घटना के प्रत्यक्षदर्शी प्यारेलाल जायसवाल, दुर्गेश व ब्रजेश के अनुसार चंदन पर हमला करने वाले तेंदुआ के साथ दो शावक भी हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा है जो यह संकेत देता है कि क्षेत्र में अब तक दो परिवारों के लाड़लों को मौत की नींद सुला चुका तेंदुआ मादा है और उसके साथ भी उसके दो बच्चे हैं। चकदहा गांव में लगे वन विभाग के दस कैमरे भी यह बात पता नहीं कर सके थे, जिसका खुलासा रविवार को तीन जोड़ी प्रत्यक्षदर्शी आंखों ने किया है। फिलहाल विभाग के अधिकारी इस विषय पर मौन हैं। ग्रामीणों को आशंका है कि क्षेत्र में कई हिंसक जानवर घूम रहे हैं।