बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा, मिड-डे मील बनवाने की जिम्मेदारी से मुक्त होंगे शिक्षक

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा अभी कुछ जिलों में अक्षय पात्र व निजी संस्थाएं मिड डे मील उपलब्ध करवा रही हैं आगे सभी स्कूलों में यह व्यवस्था लागू होगी।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 02:26 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 02:28 PM (IST)
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा, मिड-डे मील बनवाने की जिम्मेदारी से मुक्त होंगे शिक्षक
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा, मिड-डे मील बनवाने की जिम्मेदारी से मुक्त होंगे शिक्षक

लखनऊ, जेएनएन। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों को अब मिड-डे मील बनवाने की जिम्मेदारी से मुक्त किया जाएगा। जल्द ही इसके लिए ग्लोबल टेंडर कर निजी संस्थाओं को आमंत्रित किया जाएगा। अभी कुछ जिलों में अक्षय पात्र व निजी संस्थाएं मिड डे मील उपलब्ध करवा रही हैं, आगे सभी स्कूलों में यह व्यवस्था लागू होगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी ने गुरुवार को गोमतीनगर में स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित दो दिवसीय स्कूल समिट में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अच्छा भोजन उपलब्ध कराने के लिए जो भी उद्यमी इच्छुक हैं, उन्हें मैं खुला निमंत्रण दे रहा हूं। मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग पूरी तरह पेपरलेस होगा। शिक्षकों को छुट्टियां, तबादला, उनके वेतन व पीएफ इत्यादि से जुड़ी सभी सुविधाएं ऑनलाइन की जा रही हैं। वहीं प्राइमरी स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था और स्मार्ट क्लास की सुविधा देने के लिए भी उन्होंने उद्यमियों का आह्वान किया। वहीं प्राइमरी स्कूलों के पाठ्यक्रम में आपदा प्रबंधन भी शामिल किया जाएगा।

अब सरकारी स्कूलों की छवि तेजी से बदल रही

परिषदीय स्कूलों में अब विद्यार्थियों को फिर से नैतिक शिक्षा पढ़ाई जाएगी। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि नैतिक शिक्षा विद्यार्थियों को दिया जाना बहुत जरूरी है। मालूम हो कि पहले यह पाठ्यक्रम में शामिल थी लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया था। मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि पहले टाट पट्टी और शिक्षक की कुर्सी तक विद्यार्थी अपने घर से लेकर आते थे लेकिन अब छवि बदली है। पिछली सरकारों ने जिस गति से काम करना चाहिए था, वह नहीं किया। 1.59 स्कूलों में से 91 हजार स्कूलों का कायाकल्प हुआ है। यहां पर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। ब्लॉक संसाधन केंद्र (बीआरसी) व न्याय पंचायत संसाधन केंद्रों पर तैनात शिक्षकों को हटाया गया है। सह समन्वयक और न्याय पंचायत समन्वयक की जगह अब एकेडमिक रिसोर्स पर्सन तैनात किए जा रहे हैं।

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