1925 रुपये प्रति क्विंटल होगा गेहूं का समर्थन मूल्य, दो साल में 190 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी

केंद्र सरकार द्वारा गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं रसद विभाग ने खाद्य आयुक्त को इसके निर्देश जारी कर दिए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 12:39 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 12:39 PM (IST)
1925 रुपये प्रति क्विंटल होगा गेहूं का समर्थन मूल्य, दो साल में 190 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी
1925 रुपये प्रति क्विंटल होगा गेहूं का समर्थन मूल्य, दो साल में 190 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी

लखनऊ, जेएनएन। रबी विपणन वर्ष 2020-21 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति क्विंटल होगा। केंद्र सरकार द्वारा दर निर्धारित किए जाने के बाद खाद्य एवं रसद विभाग ने खाद्य आयुक्त को इसके निर्देश जारी कर दिए हैं। आयुक्त से इस नए मूल्य की जानकारी किसानों तक पहुंचाने को कहा गया है।

किसानों को उनकी उपज का अधिक मूल्य दिलाने के लिए अब कमोबेश हर साल समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की जा रही है। दो साल पहले यह दर 1735 रुपये प्रति क्विंटल थी, जबकि पिछले साल इसे 105 रुपये बढ़ाकर 1840 रुपये कर दिया गया था। अब इसी क्रम में अगले साल होने वाली गेहूं खरीद के लिए फिर 85 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। विशेष सचिव खाद्य एवं रसद रवींद्र नाथ सिंह ने खाद्य आयुक्त मनीष चौहान को इसके निर्देश जारी कर दिए हैं।

दो साल में गेहूं का समर्थन मूल्य 190 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ने से किसानों को प्रोत्साहन तो मिलेगा, लेकिन गेहूं बेचने के लिए किसानों को क्रय केंद्र तक लाना बड़ी चुनौती होगा। वर्ष 2018-19 में राज्य सरकार ने 50 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य तय किया था, जबकि खरीद लक्ष्य से अधिक करीब 53 लाख मीट्रिक टन पहुंच गई थी। इससे उत्साहित होकर लक्ष्य को पिछले साल बढ़ाकर 55 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया था लेकिन खरीद करीब 65 फीसद ही रही। इसकी वजह बिचौलियों पर सख्ती और बाजार की कीमतों में उछाल बताई गई। अधिकारियों के मुताबिक दलालों पर तो इस बार भी अंकुश रहेगा लेकिन बाजार की कीमतें खरीद को प्रभावित कर सकती हैं।

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