बॉडी वार्न कैमरों से पढ़ी जाएगी बंदियों के मन की बात, यूपी सरकार ने दी पायलेट प्रोजेक्ट को मंजूरी

पुलिसकर्मियों की तरह जल्द जेलकर्मी भी बॉडी वार्न कैमरों से लैस होंगे। कैमरों के जरिए विशेषज्ञ बंदियों की मनोदशा का अध्ययन भी करेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पायलेट प्रोजेक्ट को मंजूरी देते हुए 80 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 12:26 AM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 12:27 AM (IST)
बॉडी वार्न कैमरों से पढ़ी जाएगी बंदियों के मन की बात, यूपी सरकार ने दी पायलेट प्रोजेक्ट को मंजूरी
पुलिसकर्मियों की तरह जल्द जेलकर्मी भी बॉडी वार्न कैमरों से लैस होंगे। इस पायलेट प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है।

लखनऊ, जेएनएन। पुलिसकर्मियों की तरह जल्द जेलकर्मी भी बॉडी वार्न कैमरों से लैस होंगे। जेलकर्मियों के बॉडी वार्न कैमरे सुरक्षा के अलावा खास मकसद के लिए होंगे। कैमरों के जरिए विशेषज्ञ बंदियों की मनोदशा का अध्ययन भी करेंगे। विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर बंदियों को अपराध से दूर रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। जेल में मिलने आने वाले बंदियों के परिवारीजन व करीबियों को भी वीडियो दिखाए जाएंगे, ताकि बंदियों को अपराध से दूर रखने के लिए उनकी मदद भी ली जा सके। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पायलेट प्रोजेक्ट को मंजूरी देते हुए 80 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं।

डीजी जेल आनन्द कुमार ने बताया कि राष्ट्रपति ने चार राज्यों में इस पॉयलेट प्रोजेक्ट की मंजूरी दी है। जिन राज्यों में पायलेट प्रोजेक्ट शुरू होगा, उनमें उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, तेलंगाना व पंजाब शामिल हैं। पॉयलेट प्रोजेक्ट के तहत बॉडी वॉर्न कैमरों के लिए 80 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। जेलों में बंदियों के कार्यव्यवहार की रिकार्ड्रिंग के लिए वीडियो कैमरे, डिस्प्ले यूनिट्स, वीडियो प्रोडक्शन करने के उपकरण, शॉर्ट वीडियो क्लिप बनाने और उनका विश्लेषण करने के लिए जरूरी उपकरण खरीदे जाएंगे।

बॉडी वार्न कैमरों से हासिल वीडियो का मनोवैज्ञानिक, मनोचिकित्सक, फॉरेंसिक विशेषज्ञ व जेल सुधार विशेषज्ञ अध्ययन करेंगे। जेलकर्मी ड्यूटी के दौरान अपने शरीर पर बॉडी वार्न कैमरे लगाए रहेंगे। विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर बंदियों को अपराध से दूर रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। जेल में मिलने आने वाले बंदियों के परिवारीजन व करीबियों को भी वीडियो दिखाए जाएंगे, ताकि बंदियों को अपराध से दूर रखने के लिए उनकी मदद भी ली जा सके। जेलकर्मी ड्यूटी के दौैरान अनिवार्य रूप से कैमरों को ऑन रखेंगे। साथ ही बंदियों और जेलकर्मियों की निजता बनाए रखने के लिए जेल अधीक्षक रिकार्डिंग को गोपनीयत रखेंगे। जेलकर्मियों को बॉडी वार्न कैमरे के प्रयोग के लिए प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा।

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