उत्तर प्रदेश आने वाले प्रवासी किए जाएंगे क्वारंटाइन, मुख्यमंत्री ने हर जिले में सेंटर बनाने के दिए निर्देश
सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों के लिए गुरुवार को जारी शासनादेश में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासियों के लौटने का अनुमान लगाया जा रहा है। प्रदेश में संक्रमण न फैले इसके लिए प्रोटोकॉल के तहत एहतियाती कदम उठाए जाएं।
लखनऊ, [राज्य ब्यूरो]। कोरोना संक्रमण बढ़ने पर अब उत्तर प्रदेश आने वाले प्रवासियों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरा पालन करना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में पहले की तरह क्वारंटाइन सेंटर तत्काल शुरू करने का निर्देश दिया। उसके आधर पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सभी जिलों के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें प्रवासियों की जांच से लेकर क्वारंटाइन किए जाने की व्यवस्था निर्धारित कर दी गई है।
सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों के लिए गुरुवार को जारी शासनादेश में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासियों के लौटने का अनुमान लगाया जा रहा है। इनके द्वारा प्रदेश में संक्रमण न फैले, इसके लिए जिले स्तर के लिए तय प्रोटोकॉल के तहत एहतियाती कदम उठाए जाएं। इसके तहत प्रवासियों के आगमन पर जिला प्रशासन की ओर से उनकी स्क्रीनिंग कराई जाएगी। स्क्रीनिंग में किसी भी प्रकार के लक्ष्ण पाए जाने पर इन्हें क्वारंटाइन में रखा जाएगा। जांच करवाने के बाद वह संक्रमित पाए जाते हैं तो उन्हें यथावश्यक कोविड अस्पताल या घर पर आइसोलेट किया जाए। जो लक्ष्ण वाले व्यक्ति संक्रमित नहीं पाए जाते हैं, उन्हें 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन में भेज दिया जाएगा।
लक्षणविहीन व्यक्ति सात दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहेंगे। जिले में पहुंचने के बाद जिला प्रशासन द्वारा यह तय किया जाएगा कि प्रत्येक प्रवासी की स्क्रीनिंग के साथ-साथ पूरा पता और मोबाइल नंबर सहित लाइन लिस्टिंग तैयार की जाए। प्रवासियों के जिले में स्थापित क्वारंटाइन सेंटर में पहुंचने पर वहां के प्रभारी द्वारा प्रवासियों के नाम, पता व मोबाइल नंबर आदि संपूर्ण विवरण अंकित करने के लिए अनिवार्य रूप से एक रजिस्टर बनाया जाए। इस रजिस्टर में आश्रय स्थल में आने वाले और आश्रय स्थल से अपने गृह निवास को जाने वाले प्रत्येक प्रवासी का संपूर्ण विवरण दर्ज किया जाए। बिना संपूर्ण विवरण प्राप्त किए और उस पर हस्ताक्षर लिए किसी भी प्रवासी को आश्रय स्थल से जाने की अनुमति नहीं होगी।
यह भी रहेगी व्यवस्था