साइबर अपराधियों का नया गढ़ बना मेवात क्षेत्र, यूपी पुलिस की गिरफ्त में अब तक आए 439 शातिर

मेवात क्षेत्र में राजस्थान के भरतपुर और हरियाणा के नूह के अलावा मथुरा का कुछ हिस्सा आता है जिसे बीते कुछ वर्षों में साइबर अपराधियों ने अपना ठिकाना बनाया है। यहां से अन्य राज्यों की पुलिस ने भी कई सक्रिय साइबर अपराधियों को पकड़ा है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 10:58 AM (IST)
साइबर अपराधियों का नया गढ़ बना मेवात क्षेत्र, यूपी पुलिस की गिरफ्त में अब तक आए 439 शातिर
साइबर थानों के जरिये अब यूपी में साइबर अपराधियों की कुंडली खंगाली जा रही है।

लखनऊ [आलोक मिश्र]। दो कदम बढ़े हैं और चार बढ़ाने बाकी हैं। उत्तर प्रदेश में साइबर अपराध की बात करें तो पुलिस कार्रवाई की तस्वीर कुछ यही है। 18 साइबर थानों के जरिये अब यूपी में साइबर अपराधियों की कुंडली खंगाली जा रही है। झारखंड के जामताड़ा में साइबर अपराधियों के तार गहरे रहे हैं तो अब मेवात क्षेत्र इनके नए हब के रूप में सामने आया है। प्रदेश में साइबर अपराधियों का नया ठिकाना मथुरा के मड़ौरा समेत कुछ अन्य गांव भी हैं। मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी की फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर ठगी का प्रयास करने वाले दो साइबर अपराधी भी मथुरा के मड़ौरा गांव से ही पकड़े गए थे। साइबर क्राइम सेल बीते दो वर्षों में झारखंड में पकड़े गए साइबर अपराधियों का ब्योरा जुटाने का प्रयास भी कर रही है।

एडीजी साइबर क्राइम रामकुमार ने बताया कि मेवात क्षेत्र में राजस्थान के भरतपुर और हरियाणा के नूह के अलावा मथुरा का कुछ हिस्सा आता है, जिसे बीते कुछ वर्षों में साइबर अपराधियों ने अपना ठिकाना बनाया है। यहां से अन्य राज्यों की पुलिस ने भी कई सक्रिय साइबर अपराधियों को पकड़ा है। जामताड़ा व मेवात कोआर्डीनेशन इन्वेस्टीगेशन टीम बनाई गई हैं। दोनों ही टीमों में यूपी पुलिस भी शामिल है और अन्य राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। प्रदेश के 18 परिक्षेत्रीय साइबर थानों में वर्ष 2016 से अब तक 617 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। इनमें पुलिस ने 439 साइबर आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इनमें कई आरोपितों से पूछताछ में उनके झारखंड कनेक्शन के साथ-साथ मथुरा के लिंक भी सामने आए हैं।

साइबर ठगों ने अलग-अलग घटनाओं 57 करोड़ रुपये से अधिक की रकम ठगी है, जबकि पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से करीब दो करोड़ रुपये बरामद किए हैं और करीब पांच करोड़ रुपये विभिन्न खातों में फ्रीज कराए हैं। साइबर थानों में दर्ज मुकदमों में कई साइबर अपराधियों की तलाश भी की जा रही है। हालांकि पुलिस के सामने इन आरोपितों के दूसरे राज्यों में बैठे होने के चलते कई चुनौतियां भी हैं। प्रदेश में साइबर अपराधियों के बढ़ते नेटवर्क को तोड़ने के लिए साइबर थानों के विस्तार की योजना भी है। साइबर थानों में दर्ज कुल मुकदमों में पुलिस ने 167 मामलों में आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया है और 43 मामलों में अंतिम रिपोर्ट लग चुकी है।

चुनौती बयान करते आंकड़े : साइबर अपराध की चुनौती कितनी बड़ी है। इसके गवाह प्रदेश के थानों में दर्ज साइबर अपराध के मुकदमे और उनमें होने वाली कार्रवाई के आंकड़े हैं। प्रदेश के सभी थानों में दर्ज साइबर अपराध के मामलों पर नजर डालें तो अलग तस्वीर नजर आती है।

वर्ष 2020 : कुल मुकदमे 10620, आरोपपत्र 2198 में व अंतिम रिपोर्ट 3673 में। वर्ष 2019 : कुल मुकदमे 9005, आरोपपत्र 2181 में और अंतिम रिपोर्ट 5079 में। वर्ष 2018 : कुल मुकदमे - 5229, आरोपपत्र 1722 में और अंतिम रिपोर्ट 3150 में।
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