शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में बोले मेधावी, विशेष बच्चों के साथ पढ़कर खास हो गई जिंदगी

डा. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षा समारोह में स्वर्ण पाने वाले मेधावियों ने अपने अनुुभव साझा किए। दिव्यांग विद्यार्थियों के साथ पढ़कर सामान्य विद्यार्थियों के अंदर उनके प्रति न केवल सम्मान बढ़ा बल्कि मदद की भावना भी जागृत हुई।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 08:22 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 09:57 AM (IST)
शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में बोले मेधावी, विशेष बच्चों के साथ पढ़कर खास हो गई जिंदगी
दिव्यांग विद्यार्थियों के साथ पढ़कर सामान्य विद्यार्थियों के अंदर मदद की भावना भी जागृत हुई।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। डा. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षा समारोह में स्वर्ण पाने वाले मेधावियों ने अपने अनुुभव साझा किए। दिव्यांग विद्यार्थियों के साथ पढ़कर सामान्य विद्यार्थियों के अंदर उनके प्रति न केवल सम्मान बढ़ा बल्कि मदद की भावना भी जागृत हुई।

मेरे अंदर कभी यह भावना नहीं आई कि मैं दिव्यांग विश्वविद्यालय में पढ़ती हूं। दिव्यांग होना कोई अपराध नहीं बल्कि यहां पढ़ने से उनके प्रति सहानुभूति रखने की मसझ पैदा होती है। मेरे साथ भी कई बार हुआ मैंने कई को रास्ता दिखाया। प्रशासनिक सेवा में जाकर यह अनुभव समाज को आगे ले जाने का काम करेगा। -अर्पिता कुमारी

विशेष बच्चों को पढ़ाने की चुनाैती को मैंने विशेष शिक्षा में बीएड करना स्वीकार किया है। मेरी कोशिश होगी कि मैं बतौर शिक्षक ऐेसे विशेष विद्यार्थियों को पढ़ाकर समाज में उन्हें खास मुकाम दिला सकूं। पिता बृजेंद्र कुमार और मां ललिता की प्रेरणा से मैं स्वर्ण पदक पाने में कामयाब हुई हूं। -शालिनी

राजनीति से दूर खुद को शिक्षित करने की चुनौती मेरे सामने खड़ी थी। पिता राजकुमार, मां सुषमा और

बहन स्तुति की प्रेरणा से मैं स्वर्ण पदक पाने में कामयाब रहा हूं। भारतीय सांख्यिकी सर्विस की तैयारी कर रहा हूं। दिव्यांग विश्वविद्यालय में पढ़ने से उनके प्रति लगाव पैदा हो गया है। -प्रभात 

पीजी के साथ ही प्रशासनिक सेवाओं में जाने की तैयारी भी करूंगा। हरदोई का रहने वाला हूं और पिता किसान हैं। घर में आर्थिक परेशानियों को और विश्वविद्यालय में विशेष बच्चों के साथ पढ़ाई करने का अनुभव ऐसा रहा कि आगे बढ़कर घर के साथ ही इन विशेष बच्चों के लिए भी कुछ किया जाय। -अभिषेक 

इन्हें मिलेगा पदक 

मुलायम सिंह यादव स्वर्ण पदक-एमए राजनीति शास्त्र की काजल सिंह 72.70 फीसद अंक आलोक तोमर स्मृति स्वर्ण पदक-एमए हिंदी-ओम प्रकाश-82.40 फीसद डा.शकुंतला मिश्रा स्मृति स्वर्ण पदक-बीएड दृष्टि बाधितार्थ-अरविंद कुमार राठौर-76.80फीसद डा.शकुंतला मिश्रा स्मृति स्वर्ण पदक-एमए इतिहास-संजय वर्मा-78.95 फीसद अमित मित्तल स्वर्ण पदक- एमए इतिहास- संजय वर्मा-78.95 फीसद रोहित मित्तल स्मृति स्वर्ण पदक- अमित कुमार-बीवीए-77.88 फीसद संस्कृति स्वर्ण पदक- बीएड दृष्टिबाधितार्थ-अरविंद कुमार राठौर-76.80 फीसद 

कुलाध्यक्ष पदक अर्पिता कुमारी-बीटेक ईई-90.80- स्वर्ण शिवम कुमार-बीटेक सीई-89.88-रजत प्रभात कुमार-एमएससी एप्लायड सांख्यिकी-88.96-कांस्य 

इन्हे मिलेगा मुख्यमंत्री पदक  कला संकाय अभिषेक-बीए-83.53-स्वर्ण ओम प्रकाश-एमए हिंदी-82.40-रजत निगहत परवीन-एमए इतिहास-81.85-कांस्य वाणिज्य संकाय सौम्या अग्रवाल-एमबीए-80.76 फीसद-स्वर्ण मृदुल जायसवाल-बीकाम-77.64 फीसद-रजत शिवानी जायसवाल-बीकाम-77.39 फीसद-कांस्य विशेष शिक्षा संकाय शालिनी-बीएड श्रवण बाधितार्थ-79.25 फीसद-स्वर्ण स्वाती शुक्ला-बीएड बौद्धिक अक्षमता-78.75 फीसद-रजत दिव्यांशी श्रीवास्तव-बीएड बौद्धिक अक्षमता-77.65 फीसद-कांस्य विज्ञान एवं प्रौद्याेगिकी संकाय प्रभात सिंह-एमएससी एप्लायड सांख्यिकी-88.96-स्वर्ण अनिमेष केसरवानी-एमएससी एप्लायड सांख्यिकी-85.31 फीसद-रजत सूरज प्रताप सिंह-एमएससी माइक्रोबायोलाजी-81.95 फीसद-कांस्य कंप्यूटर विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी संकाय प्रिया गुप्ता-एमएससी सूचना प्रौद्योगिकी-82.96 फीसद-स्वर्ण शुभम गुप्ता-एमसीए-80.88 फीसद-रजत अभिजीत रामाचंद्रन-एमएससी सूचना प्रौद्योगिकी-76.76 फीसद-कांस्य विधि संकाय हिमांशु जायसवाल-बीकाम एलएलबी आनर्स-74.37 फीसद-स्वर्ण सौम्या प्रकाश मिश्रा-बीकाम एलएलबी आनर्स-70.05 फीसद-रजत वेद विनायक-बीकाम एलएलबी आनर्स-69.42 फीसद-कांस्य अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संस्थान अर्पिता कुमारी-बीटेक ईई-90.80 फीसद-स्वर्ण शिवम कुमार-बीटेक सीई-89.88 फीसद-रजत मानसी द्विवेदी-बीटेक ईसीई-88.90 फीसद-कांस्य

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