राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र, विश्वामित्र आश्रम में होगी बैठक

रामजन्मभूमि परिसर के संपूर्ण विकास की योजना को भी दिया जायेगा अंतिम रूप। 15 जनवरी से नींव की खोदाई शुरू होने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि नींव निर्माण में कोई दिक्कत नहीं रह गयी है और निर्माण की गति और तीव्र होने की पूरी संभावना है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 06:05 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 12:17 PM (IST)
राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र, विश्वामित्र आश्रम में होगी बैठक
निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र पहुंचे अयोध्या, बैठक की पूर्व संध्या पर हनुमानगढ़ी में किया दर्शन-पूजन।

अयोध्या, जेएनएन। संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर के विकास की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप देने के लिए आज से शुरू हो रही दो दिवसीय बैठक के लिए निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र राम जन्मभूमि परिसर पहुंच गए हैं।  वह राम जन्मभूमि परिसर का स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं। आज की पहली बैठक कार्यदाई संस्था एलएंडटी और टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियरों के साथ राम जन्मभूमि के परिसर विश्वामित्र आश्रम में होगी। वहीं दूूूूूसरी बैठक दोपहर के बाद बाद सर्किट हाउस में ट्रस्ट के पदाधिकारियों और टाटा कंसल्टेंसी और एलएनटी के इंजीनियरों के साथ होगी। बैठक में शामिल होने के लिए आर्किटेक्ट सोमपुरा भी पहुंचे हैं। बैठक में इंजीनियर पुरानी पद्धति से मंदिर निर्माण के लिए नीव की डिजाइन पेश करेंगे। वहीं इन दिनों राम मंदिर निर्माण के लिए गर्भगृह के आसपास से मिट्टी हटाई जा रही है। बैठक चार चरण में होगी, जिसमें पहले चरण की बैठक में राम  ट्रस्ट व निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारी शामिल होंगे। 

राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर की नींव के प्रारूप पर अंतिम मुहर लगाये जाने के साथ संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर के विकास की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप दिया जाना है। हालांकि राम मंदिर की नींव की खोदाई 15 जनवरी से ही शुरू हो गयी है और नींव के प्रारूप पर भले ही निर्माण समिति की बैठक में अंतिम मुहर लगेगी, पर उसे पहले ही स्वीकार कर लिया गया है। नींव का यह प्रारूप पाषाण के बड़े भवनों की पारंपरिक निर्माण शैली के अनुरूप कांटीन्युअस राफ्ट स्टोन प्रणाली के अंतर्गत है और यह शैली अपनाने के निष्कर्ष पर आईआईटी मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, गुवहाटी, अहमदाबाद सहित नेशनल बिल्डि‍ंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ तथा मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि करीब माह भर के गंभीर मंथन के बाद पहुंचे हैं।

15 जनवरी से नींव की खोदाई शुरू होने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि नींव निर्माण में कोई दिक्कत नहीं रह गयी है और बैठक के बाद निर्माण की गति में और तीव्रता लाये जाने की पूरी संभावना है। फिलहाल, बैठक में हिस्सा लेने के लिए राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष एवं अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहे सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्र बुधवार की शाम अयोध्या पहुंच गये। उन्होंने सर्किट हाउस में कुछ पल विश्रााम के बाद बैठक शुरू होने की पूर्व संध्या पर रामनगरी स्थित बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी पहुंच बजरंगबली का दर्शन-पूजन किया।

बैठक में शामिल होने के लिए बुधवार को ही देर रात रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोवि‍ंददेव गिरि के अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है। बैठक को ही ध्यान में रख कर गत कई दिनों से अयोध्या से बाहर गये तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय मंगलवार को ही वापस अयोध्या लौट आए। बैठक में प्रस्तावित मंदिर के मुख्य शिल्पी सीके सोमपुरा के प्रतिनिधि के रूप में उनके पुत्र आशीष एवं निखिल सोमपुरा सहित मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी तथा टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स के प्रतिनिधि सहित कई अन्य शीर्ष वास्तुविद शामिल होंगे।

खोज लिया गया नींव की समस्या का समाधान मंदिर निर्माण समिति की बैठक शुरू होने की पूर्व संध्या पर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने स्पष्ट किया कि मंदिर की नींव के लिए देश के नौ इंजीनियरि‍ंग इंस्टीट्यूट काम कर रहे हैं और उन्होंने नींव की समस्या का समाधान खोज भी लिया है और इसी के तहत 15 जनवरी से नींव का काम शुरू हो चुका है। 

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