Election Rivalry: हरदोई में मेडिकल छात्र की गोली मारकर हत्या, कार के बाहर पड़ा मिला शव

Medical student murder in Hardoi रविवार की रात कार से घर के लिए निकला था सोमवार की सुबह मिला शव। फर्रूखाबाद के एक निजी मेडिकल कॉलेज से बीएएमएस भी कर रहा था। अधिकांश वह हरदोई स्थित अस्पताल में ही रहता था।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 10:09 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 01:11 PM (IST)
Election Rivalry: हरदोई में मेडिकल छात्र की गोली मारकर हत्या, कार के बाहर पड़ा मिला शव
निजी अस्पताल में काम के साथ कर रहा था बीएएमएस।

हरदोई, जेएनएन। मल्लावां कोतवाली क्षेत्र में मेडिकल छात्र की गोली मारकर हत्या। सोमवार की सुबह गांव से कुछ दूर पर कार के बाहर मिला शव। पास में ही पड़ा मिला तमंचा और एक कारतूस। रविवार की रात हरदोई से गांव के लिए निकला था। परिवार की चल रही है प्रधानी के चुनाव की रंजिश। पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे।

कोतवाली  क्षेत्र के नेवादा राघौपुर निवासी अंकित दीक्षित (30) पुत्र सुरेश दीक्षित ओटी असिस्टेंट का कोर्स कर चुका था और हरदोई के रानी साहिब कटियारी हास्पिटल  में काम करता था। इसके साथ ही वह फर्रूखाबाद के एक निजी मेडिकल कॉलेज से बीएएमएस भी कर रहा था। अधिकांश वह हरदोई स्थित अस्पताल में ही रहता था। रविवार की रात करीब 10.30 बजे उसने अपनी मां को फोन कर गांव आने की जानकारी दी, लेकिन फिर वह नहीं पहुंचा। घरवालों ने समझ लिया कि कोई काम लग जाने से वह नहीं आया होगा, लेकिन सोमवार की सुबह राघौपुर मटियामऊ मार्ग की तरफ लोग गए तो अंकित की कार खड़ी मिली और उसके बाहर उसका शव पड़ा था। सिर में गोली का निशान था। पास में ही तमंचा भी पड़ा था। देखते देखते मौके पर भीड़ जमा हो गई।

थाना  पुलिस के साथ ही पुलिस अधीक्षक अजय कुमार फारेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। अंकित के परिवार की गांव में प्रधानी के चुनाव की रंजिश चल रही थी।  उसके  बड़े भाई आशीष प्रधान थे लेकिन इस बार महिला के लिए सीट आरक्षित होने से अंकित की भाभी चुनाव लड़ी थी,लेकिन वह पराजित हो गई थी। कोतवाल ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि अभी कोई तहरीर नहीं दी गई है। तहरीर के आधार  पर एफआइआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई होगी।।

तो कार के बाहर मारी गई गोली

अंकित की हत्या सवालों मेंं उलझ गई है। वह कार से घर के लिए निकला था, लेकिन उसका शव सड़क पर कार के बाहर पड़ा मिला। यानी कि उसके साथ कार में कोई दूसरा व्यक्ति भी था। अब अगर हत्या कार के अंदर हुई होती तो सीट पर खून पड़ा होता। मौके की परिस्थितियों की मानें तो अंकित के साथ कोई और भी था और किसी तरह बाहर निकलने के बाद ही उसके गोली मारी गई। 

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