जूतों ने कराई चोर की पहचान, वेट लिफ्टर से आटो लिफ्टर बना MBA डिग्रीधारक बाराबंकी से गिरफ्तार
2008 में बीएससी (आईटी) और 2013 में एमबीए किया। इसके बाद चंदन लुधियाना (पंजाब) में रेडबुल कंपनी और हिन्दुस्तान लीवर जैसी बड़ी कंपनी सहित डीएस ग्रुप कंपनियों में काम कर चुका है। इसी दौरान उसे मार्फीन के नशे की लत लगी।
बाराबंकी, जेएनएन। नशे की ऐसी लत लगी कि एमबीए करने वाला एक बाडी बिल्डर व वेट लिफ्टर आटो लिफ्टर बन गया। गोंडा का यह युवक नशे की लत पूरी करने के लिए रोज बाइक चोरी करने लगा। पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर इसके कब्जे व निशानदेही पर चोरी की 26 बाइक बरामद की हैं। एएसपी डा. अवधेश सिंह ने सोेमवार को पुलिस लाइंस में बताया कि सीओ सिटी सीमा यादव की अगुवाई में कोतवाल पंकज सिंह, एसएसआइ अमित मिश्रा और एसआइ संजीव सिंह व मार्कंडेय सिंह की टीम लगातार आटो लिफ्टर की तलाश कर रही थी।
20 जून की रात पुलिस ने इस शातिर आटो लिफ्टर को जैदपुर अंडरपास से चोरी की बाइक सहित गिरफ्तार कर लिया। पकड़ा गया आरोपित गोंडा के कौड़िया थाना ग्राम गुदगुदियापुर का रहने वाला चंदन प्रसाद पाठक है। इसकी निशानदेही पर बाराबंकी व गोंडा जिले से चोरी की कुल 25 बाइक बरामद की गईं।
आटो लिफ्टर का प्रोफाइल : 2008 में बीएससी (आईटी) और 2013 में एमबीए किया। इसके बाद चंदन लुधियाना (पंजाब) में रेडबुल कंपनी और हिन्दुस्तान लीवर जैसी बड़ी कंपनी सहित डीएस ग्रुप कंपनियों में काम कर चुका है। इसके बाद वह लुधियाना में स्टाल मशीन की रिपेयरिंग के कार्य के दौरान उसे मार्फीन के नशे की लत लगी। इसको पूरा करने वह जैदपुर के टिकरा गांव आता था। रुपये की जरूरत के लिए बाराबंकी, लखनऊ, अयोध्या आदि जिलों से बाइक चोरी करने लगा।
पांच-छह हजार में बेचता था बाइक : चोरी करने के बाद टिकरा से मार्फीन खरीदकर वह गोंडा चला जाता था। चोरी की बाइक को बहराइच के थाना विशेश्वरगंज के नेवलापुर में ले जाकर लोगों को पुलिस नीलामी की गाड़ी बताकर मात्र पांच-छह हजार रुपये में बेच देता था। शेष पैसा ट्रांसफर के बाद लेने के लिए कहता था। दरअसल, नेवलापुर के कई लोग लुधियाना में काम करते है जो उसके परिचित थे और जिसके कारण उसका वहां जाता था।
जूते से पकड़ा गया शातिर : शहर में कहीं से भी यह बड़ी चालाकी से बाइक चोरी कर लेता था। कई जगह उसके फुटेज सीसीटीवी कैमरे में मिले। हर बार उसके कपड़े अलग जबकि जूते वही थे। जब बाइक चोरी कर भाग रहा था तो बाइक में लगे जीपीएस की मदद से पुलिस ने पीछा कर उसे पकड़ा तो जूतों से ही उसकी शिनाख्त हो सकी। इस राजफाश के लिए टीम को दस हजार का पुरस्कार दिया है।