लखनऊ में शुरू हुई अनुसुइया रसोई, एक माह तक मुफ्त उसके बाद दस रुपये में भोजन की व्यवस्था
महापौर ने बताया कि अनुसुइया रसोई का उद्देश्य है कि गरीबों जरुरतमंदों मजदूरों और तीमारदारों को दिन में एक समय का दस रुपये में भरपेट भोजन मिल सके। अक्षय पात्र संस्था से भोजन बनवाकर लखनऊ शहर के ऐसे स्थानों पर उसे वितरित किया जाएगा जहां पर जरूरतमंद रहते हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। अपने जन्मदिन पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने जरूरतमंदों को निश्शुल्क भोजन का उपहार दिया। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रामा सेंटर के पास महापौर ने अनुसुइया रसोई का शुभारंभ किया। यहां एक माह तक हर किसी को निश्शुल्क भोजन मिलेगा, जबकि एक माह बाद 10 रुपये में भरपेट भोजन का प्रबंध होगा।
महापौर ने बताया कि अनुसुइया रसोई का उद्देश्य जरूरतमंदों, मजदूरों और तीमारदारों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराना है। अक्षय पात्र संस्था से भोजन बनवाकर राजधानी के ऐसे स्थानों पर उसे वितरित किया जाएगा, जहां पर जरूरतमंद रहते हैं। भोजन वितरण का शुभारंभ केजीएमयू के ट्रामा सेंटर से किया गया है। अब आगे और भी स्थानों पर भोजन वितरण किया जाएगा। महापौर ने बताया कि एक माह तक भोजन मुफ्त दिया जाएगा और एक माह बाद 10 रुपये में भरपेट भोजन दिया जाएगा। इस अवसर नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी, केजीएमयू के कुलपति डा. बिपिन पुरी, ट्रामा सेंटर के इंचार्ज हेड डा. संदीप तिवारी, नगर निगम कार्यकारिणी उपाध्यक्ष रजनीश गुप्ता, पार्षद अनुराग मिश्रा, पूनम मिश्रा, अक्षय पात्र संस्था के एजीएम विनय शर्मा व जोनल अधिकारी डा. बिन्नो अब्बास रिजवी मौजूद रहे।
24 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का शिलान्यास : जन्मदिन पर महापौर ने 24.85 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसमें 16.79 करोड़ से 205 कार्यों का लोकार्पण और 8.06 करोड़ से 140 कार्यों का शिलान्यास किया गया। हालांकि, वार्ड में विकास की योजना न दिए जाने से कई पार्षद नाराज दिखे तो कुछ ने कहा कि पहले भी शिलान्यास हो चुका है, लेकिन आज तक काम चालू नहीं हुआ। इससे पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया ने वाल्मीकि जयंती की पूर्व संध्या पर डालीगंज स्थित वाल्मीकि बस्ती में भगवान वाल्मीकि की मूर्ति पर माल्यार्पण किया और वहां आयोजित समरसता भोज में तहरी भी खाई। महापौर ने जन्मदिन पर रिटर्न गिफ्ट भी दिया। सभी पार्षदों को मच्छररोधी अगरबत्ती का डिब्बा दिया गया, जिससे वे अपने वार्ड में उसका वितरण कर सकें।