Ramadan 2021: मौलाना कल्बे जवाद ने कहा, घर पर इबादत करें और सोशल मीडिया से दें ईद की बधाई

शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि नेकियां लुटाने के इस पाक महीने में गरीबों की मदद करें। ईद पर घरों में इबादत करें और सोशल मीडिया के माध्यम से ही ईद की बधाई दें तो बेहतर होगा। ईद में गले मिलने से परहेज करें।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 02:30 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 04:13 PM (IST)
Ramadan 2021:  मौलाना कल्बे जवाद ने कहा,  घर पर इबादत करें और सोशल मीडिया से दें ईद की बधाई
12 मई को देखा जाएगा ईद का चांद, लॉकडाउन से लगा खरीदारी पर ब्रेक।

लखनऊ, जेएनएन। अल्लाह की इबादत और दुआओं के इस रमजान पाक महीने की 27वें दिन सोमवार को  रोजेदारों ने जहां घरों में परिवार के साथ नमाज पढ़ी तो दूसरी ओर अल्लाह की इबादत के साथ कोरोना संक्रमण से निजात दिलाने की दुआ भी मांगी। शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि ईद पर घरों में इबादत करें और इस बार मुस्लिम समाज के लोग सोशल मीडिया के माध्यम से ही ईद की बधाई दें तो बेहतर होगा।

ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि यह ऐसा समय चल रहा है जब हम हम सब को खुद के साथ ही समाज की भी फिक्र करनी होगी। ऐसे में ईद में पुराने साफ कपड़ों का प्रयोग करें और गले मिलने से परहेज करें। इदारा- ए- शर‌इया फरंगी महली के अध्यक्ष व शहर-ए-काजी मौलाना मुफ्ती अबुल इरफान मियां फरंगी महली ने बताया कि बरकतों के इस महीने का समापन होने वाला है। ईद के पहले जकात अदा कर दें। 12 मई को ईद का चांद देखा जाएगा। लॉकडाउन के बढ़ने से खरीदारी पर भी विराम लग गया है। हालांकि मौलना पुराने साफ कपड़ों से ईद मनाने की अपील की रहे हैं। लॉकडाउन के चलते सेवई व कपड़ों के कारोबारी परेशान हैं। ईद में नए कपड़े व जूतों के साथ अन्य सामानोें की खरीदारी हाेती है। लच्छेदार सेवई की मांग बढ़ जाती है, दुकान बंद होने से कारीगर भी अब काम बंद कर चुके हैं। पैकेेट की सेवई से ही ईद मनाने की तैयारी हो रही है। 

काबुल के स्कूल में हुए आतंकवादी हमले की निंदा: मजलिस-ए-उलेमा-ए- हिंद के महासचिव व वरिष्ठ शिया धर्म गुरु मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि रमज़ान के पवित्र महीने में मासूम बच्चों के स्कूल पर आतंकवादी हमला यज़ीदी विचारधारा के पालन का नतीजा है। यह लोग अल्लाह और इस्लाम के खुले दुश्मन हैं। हम इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं और हमले में शहीद हुईं निर्दोष बच्चियों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। पवित्र माह-ए-रमजान में अफग़ानिस्तान की राजधानी काबुल ऐसा होना निंदनीय है। मौलाना ने कहा कि पूरी दुनिया में शियों का नरसंहार हो रहा है लेकिन सभी मानवाधिकार संगठन, धर्मनिरपेक्ष देश और संयुक्त राष्ट्र चुप हैं।  

इफ्तारी-मंगलवार की शाम

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