Liquor Case in UP: अरुणाचल प्रदेश के लिए बनी शराब ने यूपी में बिछाई थी लाशें, एसटीएफ को सौंपी गई जांच
अरुणाचल प्रदेश का परचेज आर्डर लेकिन शराब की खेप पहुंची यूपी व बिहार। तीन जुलाई को यूपी एसटीएफ ने मुखबिर की सूचना पर झांसी में एक ट्रक अवैध शराब पकड़ी थी। कागजों की पड़ताल की गई तो चौकाने वाली जानकारी मिली।
ज्ञान बिहारी मिश्र, लखनऊ। सूबे में जहरीला शराब ने इस साल खूब कहर बरपाया। प्रतापगढ़, आजमगढ़, लखनऊ और फिर अलीगढ़। एक के बाद कई जिलों में जहरीली शराब ने लाशें बिछा दीं। शराब कांड ने तूल पकड़ा तो शासन गंभीर हुआ। इसके बाद एसटीएफ को शराब माफिया की जड़ तलाशने के निर्देश जारी हुए। छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि अरुणाचल प्रदेश के लिए परचेज आर्डर पर शराब की खेप यूपी व बिहार में तस्करी हो रही है। इसके लिए तकरीबन प्रदेश के हर जिले में शराब माफिया ने वेयर हाउस तैयार किया है, जहां से मिलावट और तस्करी का खेल जोरों से चल रहा है। आबकारी विभाग और जिला पुलिस की लापरवाही से माफिया बेलगाम हैं, जिसके कारण लोगों की जान जा रही है।
दरअसल, तीन जुलाई को यूपी एसटीएफ ने मुखबिर की सूचना पर झांसी में एक ट्रक अवैध शराब पकड़ी थी। कागजों की पड़ताल की गई तो चौकाने वाली जानकारी मिली। आपको जानकर हैरानी होगी अंबाला में इसी ट्रक को एसटीएफ ने वहां की पुलिस से पकड़वाया था। अंबाला पुलिस और संबंधित विभाग के लोगों ने जांच की और यूपी एसटीएफ को बताया कि सभी दस्तावेज सही हैं और ट्रक में लदा माल अरुणांचल प्रदेश जा रहा है। संदेह होने पर एसटीएफ ने ट्रक के पीछे मुखबिर लगा दिए। इस बीच शराब लदी गाड़ी झांसी पहुंच गई। इसके बाद एसटीएफ ने पांच तस्करों को 2481 पेटी शराब के साथ दबोच लिया। पूछताछ की गई तो करोड़ों के टैक्स चोरी की बात भी सामने आई। यही नहीं पता चला कि हाल में हुई जहरीली शराब से जो मौते हुई हैं वे अरुणांचल प्रदेश के लिए बनाई गई शराब से ही हुई थीं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए झांसी में पकड़े गए रैकेट और दर्ज मुकदमे की जांच एसटीएफ को स्थानांतरित कर दी गई। एसटीएफ में सीओ दीपक कुमार सिंह के मुताबिक विनायक डिस्टलरी, संचेती प्राइवेट लिमिटेड व कोआपरेटिव समेत करीब 17 कंपनियों की भूमिका सामने आई है। गिरोह अरुणांचल प्रदेश की बिल्टी पर शराब की तस्करी यूपी व बिहार के अलग अलग जिलों में कर रहा है। इसके लिए अलग अलग इलाकों में वेयर हाउस बनाया गया है।
एसआइटी भी कर रही है जांच : सहारनपुर में भी इसी तरह का गिरोह बड़ी मात्रा में अवैध शराब के साथ पकड़ा गया था। तब कई रहस्यमय बातें उजागर हुई थीं, जिसके बाद पूरे प्रकरण की जांच एसआइटी को सौंप दी गई थी। हालांकि अभी उस गिरोह का मास्टर माइंड नहीं गिरफ्तार किया जा सका है। अधिकांश मामलों में पुलिस तस्करों को तो पकड़ लेती है, लेकिन उनके मुख्य आरोपित गिरफ्त में नहीं आते। एसआइटी जांच व एसटीएफ को विवचेना सौंपे जाने के बाद माना जा रहा है कि प्रदेश में अवैध और जहरीली शराब के कारोबारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी है।