अब संस्कृत में भी बात करते नजर आएंगे डाॅॅक्टर, PGI Lucknow के 20 डाक्टरों ने एमए संस्कृत में ल‍िया प्रवेश

इग्नू के सहायक क्षेत्रीय निदेशक डा. कीर्ति विक्रम सिंह ने बताया कि बीते जुलाई-2020 में विश्वविद्यालय ने एमए संस्कृत का नया कोर्स शुरू किया था। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से लखनऊ में इस कोर्स को पढ़ने के लिए सबसे ज्यादा रुचि डाक्टरों ने दिखाई।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 09:10 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 09:10 AM (IST)
अब संस्कृत में भी बात करते नजर आएंगे डाॅॅक्टर, PGI Lucknow के 20 डाक्टरों ने एमए संस्कृत में ल‍िया प्रवेश
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय अगले सप्ताह से शुरू कराएगा ऑनलाइन कक्षाएं।

लखनऊ, जेएनएन। मरीजों का इलाज करने वाले डाक्टर अब संस्कृत में भी आपस में बात करते नजर आएंगे। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की ओर से दूरस्थ शिक्षा में शुरू किए गए एमए संस्कृत के कोर्स में इस बार एसजीपीजीआइ के 20 डाक्टरों ने प्रवेश लेने में रुचि दिखाई है। अगले सप्ताह से उनकी ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसका पूरा कोर्स भी तैयार है।

इग्नू के सहायक क्षेत्रीय निदेशक डा. कीर्ति विक्रम सिंह ने बताया कि बीते जुलाई-2020 में विश्वविद्यालय ने एमए संस्कृत का नया कोर्स शुरू किया था। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से लखनऊ में इस कोर्स को पढ़ने के लिए सबसे ज्यादा रुचि डाक्टरों ने दिखाई। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के 20 डाक्टरों ने प्रवेश लिया है। लेकिन कोविड की वजह से अब तक पढ़ाई नहीं शुरू हो पाई। हालांकि अब विश्वविद्यालय ने विचार किया है कि अगले सप्ताह से एमए संस्कृत की आनलाइन कक्षाएं शुरू करा दी जाएं।

जानेंगे संस्कृत साहित्य का इतिहास

एमए संस्कृत में जो कोर्स बनाया गया है, उसमें संस्कृत साहित्य का इतिहास, साहित्य शास्त्र, वैदिक साहित्य, वेदांग सहित भारतीय संस्कृति और सभ्यता को शामिल किया गया है। यह कोर्स क्रेडिट आधारित है। प्रथम और द्वितीय वर्ष में अलग-अलग क्रेडिट दिए जाएंगे।

नए सत्र में जैविक कृषि और पोल्ट्री फार्मिंग में निशुल्क प्रवेश की तैयारी

इग्नू नए सत्र से जैविक कृषि और पोल्ट्री फार्मिंग प्रमाण पत्र वाले कोर्सों में अभ्यर्थियों को निशुल्क दाखिले की तैयारी भी कर रहा है। 15 फरवरी के बाद इसका नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। सहायक क्षेत्रीय निदेशक के मुताबिक अभी तक इन कोर्सों में प्रवेश के लिए 1400 रुपये फीस जमा होती है। लेकिन छात्रहित में इसे निशुल्क करने पर विचार चल रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ ले सकें। इसके अलावा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए मधुमक्की पालन प्रमाण पत्र का नया कोर्स भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 15 फरवरी के बाद नोटिफिकेशन आने के बाद प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने की जानकारी दी जाएगी। 

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