Flood Affected Areas of UP: प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का पानी घुसा, कटान से लोग परेशान; बहराइच में एक की मौत

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ से हालात खराब जल स्तर कम होने के बावजूद भी संकट में लोग।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 06:49 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 06:21 AM (IST)
Flood Affected Areas of UP: प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का पानी घुसा, कटान से लोग परेशान; बहराइच में एक की मौत
Flood Affected Areas of UP: प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का पानी घुसा, कटान से लोग परेशान; बहराइच में एक की मौत

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हाल ये है कि लखनऊ और उसके आसपास के जिलों में बाढ़ का पानी गांव के अंदर तक आ गया है। जिला प्रशासन बाढ़ से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रहा है। वहीं बहराइच में सोमवार को दो भाइ बााढ़ के पानी में डूब गए जिसमें से एक की मौत हो गई। 

बाढ़ के पानी मे डूबे सगे भाई, एक की मौत

घाघरा का जलस्तर मंद गति से घट रहा है। तटवर्ती प्रभावित इलाकों में अभी भी परेशानी बरकरार है। जलस्तर घटने के साथ संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। गोलागंज के खेलरूपुरवा गांव निवासी सुभाष (22) की बाढ़ के पानी मे डूबकर मौत हो गई। घाघरा के तटवर्ती गांव माझादरिया, मेलापुरवा, ढकिया गरेठीगुरुदत्त सिंह, पचदेवरी, कायमपुर, जर्मापुर, जोगापुरवा, तारापुरवा जुगुलपुरवा समेत 30 गांव अभी भी बाढ़ के पानी से घिरे हैं। तहसील प्रशासन ने सोमवार को कायमपुर के 130 व गोलागंज के 100 लोगों को राशन किट बांटे। सरयू ड्रेनेज खंड प्रथम के अधिशाषी अभियंता शोभित कुशवाहा ने बताया कि सरयू, शारदा बैराज से 157290 गिरजा से  155103 व सरयू बैराज से 7945 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। एल्गिन ब्रिज पर नदी खतरे के निशान 106.07 के सापेक्ष 107. 066 पर बह रही रही है। यहां पर नदी खतरे के निशान से 99 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। तहसीलदार राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि बाढ़ क्षेत्रों में 40 नावें लगाई गई हैं।

तटबन्ध में कटान तेज, बड़ी मुश्किल से बचाया जा सका बांध

उमरीबेगमगंज गोंडा के ऐलीपरसौली में घाघरा का कहर जारी है। रविवार की रात भिखारीपुर-सकरौरा तटबंध एक बार फिर कटते-कटते बचा। दूसरी तरफ गांव के 35 मजरे अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं। पानी लोगों के घरों में घुसा हुआ है और लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं। रविवार की रात करीब 12 बजे ऐलीपरसौली में बिशुनपुरवा के सामने भिखारीपुर सकरौरा तटबंध पर अचानक कटान शुरू हो गई। यहां 50 मीटर के दायरे में बांध का आधे से ज्यादा लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा नदी में समा गया एक समय ऐसा आया जब सिर्फ बांध की पटरी बची हुई थी और बांध को बच पाना मुश्किल लग रहा था लेकिन तेजी से बचाव कार्य शुरू किया गया और बांध के बगल में ही एक नए बांध का निर्माण शुरू कर दिया गया। इससे बांध कटते कटते बच गया और माझा वासियों पर आने वाली आफत एक बार फिर टल गई फिलहाल बांध अभी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। जिला अधिकारी ने रात में ही ऐलीपरसौली पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया, एक्सईएन तथा तहसील प्रशासन को मौके पर कैंप करने का निर्देश देते हुए युद्ध स्तर पर बचाव कार्य कराने को कहा बांध टूटने पर ऐलीपरसौली दलेलनगर फेहरा भिखारीपुर खुर्द ग्राम पंचायतों के हजारों परिवार बाढ़ की त्रासदी झेलने को विवश होंगे। हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो जाएंगी, वही रात में बांध कटने की सूचना के बाद इकट्ठा हुए ग्रामीण व पुलिस के बीच कहासुनी का मामला सामने आया है। इस दौरान ग्रामीणों द्वारा पथराव किए जाने की बात बताई जा रही। नाम न छापने की शर्त पर गांव के ही एक व्यक्ति ने बताया कि पुलिस और ग्रामीणों में तीखी नोकझोंक हुई। हालांकि थानाध्यक्ष उमरीबेगमगंज रतन कुमार पांडे ने इससे इनकार किया।  दूसरी तरफ बाढ़ प्रभावित नजरों के लोग पलायन कर बांध पर आश्रय ले रहे हैं। सहायक अभियंता बाढ़ कार्य खंड गोंडा प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि अचानक मसीना लगने से बांध पर कटान शुरू हो गई थी लेकिन अब कटान पर काबू पा लिया गया है। युद्ध स्तर पर काम कराया जा रहा है अब कोई खतरा नहीं है। एसडीएम तरबगंज राजेश कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर कैंप कर रहे हैं।

लखीमपुर में हो रही कटान 

लखीमपुर के तिकुनिया इलाके के गांवों से बाढ़ का पानी निकल चुका है। वहीं तहसील प्रशासन ने हुए नुकसान का सर्वे कार्य पूरा कराकर राहत देने का सिलसिला शुरू कर दिया है। बाढ़ पीड़ितों को तहसील प्रशासन की तरफ से तिरपाल बांटे जा रहे हैं। इधर बाढ़ का पानी घटने के बाद ग्राम इंद्रनगर में कटान ने तेजी पकड़ ली है। मोहाना नदी कटान कर मोहन सिंह, तारा सिंह, काला सिंह, बिंदर सिंह, लखविंदर सिंह, रेशम सिंह, जसवीर सिंह आदि के घर के आंगन में पहुंच गई है।जिसके बाद कटान पीड़ित अपना घर स्वयं उजाड़ने पर विवश हैं।

पलियाकलां क्षेत्र में शारदा नदी का जलस्तर रविवार से स्थिर बना हुआ है। रात में बारिश होने से जलस्तर में मामूली बढ़त हुई थी। नदी खतरे के निशान से 50 सेमी ऊपर है। शारदा  की वजह से खलेपुरवा, दुबहा, गोविंद नगर, श्री नगर, आज़ादनगर , बर्बाद नगर , मरौचा, नगला, घोला, निषाद नगर समेत 10 गांव प्रभावित है। उधर सुहेली का पानी घटना शुरू हो गया है।

धौरहरा क्षेत्र में दो दिन बाद शारदा और घाघरा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है। इससे प्रभावित गांवों में जलभराव से राहत मिली है लेकिन, दोनों नदियां कटान जमकर कर रही हैं। रैनी में दर्जन भर से ज्यादा लोग शारदा की कटान के चलते बेघर हो चुके हैं। रामनगर बगहा में घाघरा खेतों को काट रही है। बेलागढी, कैरातीपुरवा में भी घाघरा कटान कर रही है। जलजमाव से बुरी तरह प्रभावित हुए ग्राम रैनी में प्रशासन ने संक्रामक रोगों को फैलने से रोकने के लिए मेडिकल कैंप कराया है। एसडीएम एस सुधाकरन ने बताया कि प्रभावित परिवारों को राशन किट भी दी जा रही है।

श्रावस्ती में बारिश न होने से उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर रही है। धान की फसल खराब होने से किसानों के माथे  पर चिंता की लकीरें गहराने लगी हैं। राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान 127.70 सेमी से 25 सेमी नीचे है। पानी का बहाव तेज होने से नदी मधवापुर घाट पर बने पुल को जोड़ने वाली सड़क के निकट तेजी से कटान कर रही है। यह सड़क कटी तो जमुनहा तहसील क्षेत्र के गांव जिला मुख्यालय भिनगा से कट जाएंगे।

जलस्तर कम लेकिन करीब 50 गांवों में भरा पानी

सीतापुर में शारदा व घाघरा नदियों के जलस्तर में दो दिन से कमी तो आई है, लेकिन रेउसा, तंबौर व रामपुर मथुरा क्षेत्र के चार दर्जन गांव में पानी अभी भी भरा है। संपर्क मार्ग भी डूबे हुए हैं, जिससे लोगों की दिक्कतें कम नहीं हुई हैं। राजस्व कर्मियों ने सोमवार को गोलोक कोडर, जट पुरवा, म्योढी छोलहा  आदि बाढ़ प्रभावित गांवों में भोजन के पैकेट वितरित किए। रेउसा, बेहटा व रामपुर मथुरा इलाके के बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग छतों पर और ऊंचे स्थानों पर पनाह लिए हैं। गांवों में घाघरा नदी का पानी भरा है। रेउसा ब्लॉक के 25 से अधिक गांव बाढ़ प्रभावित हैं। बेहटा इलाके के गांवों में भी नदी ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। नदियों का पानी घरों में भरा है। गांवों को आने वाले रास्ते जलमग्न हैं। आवागमन ठप होने से ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रामपुर मथुरा इलाके के बाढ़ प्रभावित गांवों के ग्रामीण घर छोड़कर तटबंध की ओर पलायन कर रहे है। बाढ़ प्रभावित लोग अपनी गृहस्थी का सामान सुरक्षित स्थानों पर ले कर जा रहे हैं।  शारदा और घाघरा नदी का पानी खेतों में भी भरा है जिससे धान की फसल डूबी हुई है।

 गोलोक कोडर के लेखपाल सदानंद वर्मा ने बताया सोमवार को बाढ़ प्रभावित गांवों में 2600 लंच पैकेट वितरित किए गए हैं। बाढ़ का पानी घट रहा है, शीघ्र ही गांव से पानी निकल जाएगा। बराबर नजर रखी जा रही है।

अंबेडकरनगर में बाढ़ से दहशत 

 जिले में सोमवार को मौसम पूरी तरह साफ रहा ,लेकिन घाघरा व तमसा नदी में उफनाती लहरों से तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों में दहशत है। घाघरा नदी से टांडा व आलापुर तहसील क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होता है। एडीएम डॉ. पंकज कुमार वर्मा ने आलापुर तहसील के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने राहत व बचाव कार्य पर संतोष जताते हुए कहा अभी बाढ़ से कोई बड़ा खतरा नहीं है। प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की गई है।

नदी चेतावनी बिंदु के पार, कटान तेज 

बलरामपुर में राप्ती नदी चेतावनी बिंदु 103.620 से ऊपर 103.790 मीटर पर बह रही है। तटवर्ती 40 गांव बाढ़ प्रभावित है। दूसरी तरफ सदर ब्लॉक के मझौवा कल्याणपुर गांव में नदी की कटान तेज है। करीब एक एकड़ कृषि योग्य भूमि नदी की धारा में समा चुका है। रविवार को प्राथमिक विद्यालय की एक दीवार नदी की धारा में बह गया है। कटान रोकने के लिए बंबू कैरेट व मिट्टी भरी बोरी लगाने का कार्य चल रहा हैं। एडीएम अरुण कुमार शुक्ल ने बताया कि  प्राथमिक विद्यालय मझौवा कल्याणपुर की एक दीवार नदी में बह गई है। बताया कि नदी के दाएं तट पर स्थित लालनगर व परोसना गांव के पास कटान तेज है। पचपेड़वा ब्लॉक के बरगदवा सोहना गांव के पास बूढ़ी राप्ती कटान कर रही है। सभी स्थानों पर कटान रोधी कार्य चल रहा है। जिसकी बराबर निगरानी की जा रही है।

chat bot
आपका साथी