Sitapur Suicide Case: मरने से पहले मनोज ने दारोगा पर लगाए गंभीर आरोप, वीडियो वायरल
इलाज के दौरान मनोज वर्मा ने कहा था कि उसे दारोगा अजय सिंह व उसका पार्टनर तारिक उसका घर लिखा लेने का दबाव बनाए थे। रुपये मांग रहे थे। ऐसे ही कई कारण थे जिससे मनोज वर्मा मानसिक रूप से परेशान था।
सीतापुर, जागरण संवाददाता। पुलिस की प्रताड़ना से युवक ने आत्महत्या कर ली। हालांकि मरने से पहले अस्पताल में इलाज के दौरान युवक ने खुदकुशी का जिम्मेदार दारोगा व पार्टनर को ठहराया है। मौत होने से पहले अस्पताल में मनोज वर्मा के बयान का वीडियो इंटरनेट में मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सामने आए मनोज वर्मा के बयान ने पुलिस के होश उड़ा दिए हैं, पर पुलिस पूरे मामले में दारोगा का बचाव करने में जुटी है। मरने से पहले मनोज वर्मा ने कैमरे पर जो बोला है, उन शब्दों ने पुलिस की छवि पर बड़ा दाग लगाने का काम किया है। शरीर में जहर के प्रभाव में मनोज वर्मा कुछ बोलने की स्थिति में नहीं था। बिलख रही पत्नी कांती देवी के पूछने पर मनोज ने जहर खाने का कारण दारोगा अजय सिंह व पार्टनर तारिक की प्रताड़ना बताई है। इलाज के दौरान मनोज वर्मा ने कहा था कि, उसे दारोगा अजय सिंह व उसका पार्टनर तारिक उसका घर लिखा लेने का दबाव बनाए थे। रुपये मांग रहे थे। ऐसे ही कई कारण थे, जिससे मनोज वर्मा मानसिक रूप से परेशान था।
लखनऊ ट्रामा सेंटर में हुई थी मौत : घटना सोमवार शाम की है। सदरपुर थाने के अल्हनापुर के मनोज वर्मा ने जहरीला पदार्थ खा लिया। हालत बिगड़ी तो पत्नी कांती देवी उसे महमूदाबाद निजी क्लीनिक पर ले गई थी। मनोज वर्मा की हालत नाजुक देख महमूदाबाद सीएचसी डाक्टरों उसे सोमवार रात को ही लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर किया था। ट्रामा सेंटर में डाक्टरों ने मनोज काे देखते ही मृत घोषित कर दिया था।
यह है पूरा मामला : मनोज वर्मा व पिपरी का तारिक, दोनों पार्टनरशिप में लकड़ी का काम करते थे। कारोबार में घाटा हुआ। तारिक के कुछ रुपये मनोज पर चढ़ गए थे। घाटे के कारण मनोज भी परेशान था, उसके बाद उधारी अदा करने की व्यवस्था नहीं थी। मृतक की पत्नी कांती का कहना है कि तारिक ने दारोगा का सहयोग लिया और दाराेगा अजय सिंह के साथ मिलकर तारिक मनोज वर्मा के धमकाने लगा था। आए दिन ये दोनों मनोज के घर जाकर बहुत कुछ बोल आते थे। कांती के मुताबिक, सोमवार दोपहर को भी दारोगा अजय सिंह व तारिक उसके घर आए थे। गाली-गलौज कर लौटे थे। मनोज की मानसिक प्रताड़ना का यही कारण था।
मां-बाप का इकलौता था मनोज : डेढ़ बीघे जमीन थी। उसे भी बेचकर मनोज ने अपने पिता हनुमान प्रसाद के इलाज में लगा दिया था। कुछ समय पहले मनोज के माता-पिता की भी मौत हो गई थी। मनोज मां-बाप का इकलौता बेटा था।
तीन मासूम बेटियों के सिर से उठा पिता का साया : मृतक मनोज वर्मा के तीन मासूम बेटियां हैं। पत्नी कांति वर्मा पति की मौत से टूट गई है। बच्चियां बिलख रही हैं। तीन बच्चियों में बड़ी यशी 11 वर्ष की है, जबकि दीपाली और अमोली नौ से छह वर्ष के बीच की हैं।
पुलिस की कार्रवाई : आरोपित दारोगा का बचाव करते हुए थानाध्यक्ष अमित सिंह भदौरिया ने कहा, मृतक के पार्टनर पिपरी निवासी तारिक पर मुकदमा लिखकर उसे गिरफ्तार भी कर लिया है। कार्रवाई से मृतक की पत्नी कांती संतुष्ट भी है। उधर, सीओ महमूदाबाद रवि शंकर प्रसाद का कहना है कि दारोगा अजय पर लग रहा आरोप गलत है।