Lucknow Development: जल्द फिर मौलिक स्वरूप में नजर आएगा इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद का मुख्य द्वार

Lucknow Development एएसआई ने मरम्मत के लिए जारी की 50 लाख की धनराशी।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 12:20 AM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 07:39 AM (IST)
Lucknow Development: जल्द फिर मौलिक स्वरूप में नजर आएगा इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद का मुख्य द्वार
Lucknow Development: जल्द फिर मौलिक स्वरूप में नजर आएगा इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद का मुख्य द्वार

लखनऊ, जेएनएन। Lucknow Development: राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद का मुख्य द्वार जल्द ही फिर अपने मौलिक स्वरूप में नजर आएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा इसकी मरम्मत के लिए 50 लाख रुपए की धनराशि जारी कर दी है।

173 साल पुराने इमामबाड़े का मुख्य द्वार बीती दो अप्रैल को अचानक भरभरा कर गिर गया था। चूंकि उस वक्त पूरे शहर में लॉकडाउन था इसलिए जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था। इमामबाड़े के गेट के अचानक गिर जाने से आहत वक्फ इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद की कमेटी और मुतवल्ली मोहम्मद हैदर ने एएसआई को एक ज्ञापन भेज कर कार्यवाही करने और फौरी मरम्मत कराने का अनुरोध किया था। 

हैदर बताते हैं कि लगातार रिमाइंडर भेज कर कार्यवाही की मांग की जा रही थी। उनके द्वारा इसी इमामबाड़े और लखनऊ की तमाम ऐतिहासिक घरोहरों के रखरखाव और मरम्मत के लिए एक पीआईएल हाईकोर्ट में दाखिल की थी। पीआईएल पर सुनवाई करते हुए है कोर्ट ने कई आदेश पारित किये जिनसे लखनऊ की ऐतिहासिक इमारतों जैसे रूमी दरवाजा, बड़ा इमामबाड़ा , छोटा इमामबाड़ा, इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद जैसी इमारतों का रख-रखाव हुआ है।

इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद कमेटी की कोशिशों और लखनऊ के ओलमा, जिसमें मुख्य रूप से इमामे जुमा मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी, मौलाना आगा रूही, मौलाना यासूब अब्बास, मौलाना अब्बास इरशाद, मौलाना सैफ अब्बास हैं, की निगरानी में एएसआई को भेजे गए खत और अनुस्मारकों भेजे गए। जिसके चलते  एएसआई द्वारा  इमामबाड़े के मुख्य द्वार की मरम्मत  के लिए पचास लाख का एस्टीमेट स्वीकृत करते हुए इस काम को जल्द से जल्द पूरा कराने की बात कही है। शिया क़ौम और लखनऊ के हेरिटेज लवर्स ने एएसआई की इस पहल पर शुक्रिया अदा करते हुए काम जल्द शुरू किए जाने की उम्मीद जताई है।

एएसआई के मनोज सक्सेना बताते हैं कि यह पत्र उन्हें अभी फिलहाल नहीं मिला है, लेकिन उन्होंने बताया कि एलडीए को बीते माह पत्र लिखकर इमामबाड़े के मुख्य द्वार की मरम्मत के लिए आसपास के भवनों को खाली कराने के लिए कहा गया है।

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