Ayodhya: महंत के कदाचरण से रामनगरी का संत समाज आंदोलित, नोटिस भेजकर मांगा स्पष्टीकरण

अयोध्या के पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत को नोटिस भेजकर मांगा स्पष्टीकरण पूर्व में भी आचरण की शुचिता को लेकर आवाज उठाता रहा संत समाज।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 07:43 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 10:59 AM (IST)
Ayodhya: महंत के कदाचरण से रामनगरी का संत समाज आंदोलित, नोटिस भेजकर मांगा स्पष्टीकरण
Ayodhya: महंत के कदाचरण से रामनगरी का संत समाज आंदोलित, नोटिस भेजकर मांगा स्पष्टीकरण

अयोध्या  [रमाशरण अवस्थी]। संत समाज इन दिनों एक स्थानीय महंत को ही लेकर आंदोलित है। संत समाज का आरोप है कि गुप्तारघाट स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत चतुर्भुजदास 'चंदा बाबा का रहन- सहन साधुता की मर्यादा के अनुरूप नहीं है और इस संबंध में संत समाज की ओर से चंदा बाबा को नोटिस भेज कर उनसे 15 दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया गया है। उन पर वैरागी परंपरा के विपरीत पैतृक घर में गृहस्थों की भांति रहने, पंचमुखी हनुमान मंदिर के साथ संपूर्ण गुप्तारघाट पर कब्जा करने की नीयत, गुप्तारघाट पर ही स्थित अनादि पंचमुखी महादेव मंदिर पर अनाधिकार चेष्टा करने और संत समाज की ओर से स्वीकृत पंचमुखी महादेव मंदिर के महंत मैथिलीरमणशरण तथा संचालक मिथिलेशनंदिनीशरण पर अनर्गल लांछन लगाने आदि का आरोप प्रमुख है।

नोटिस देने वालों में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष एवं मणिरामदास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास, निर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत धर्मदास, रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैयादास आदि प्रमुख हैं। यह कोई पहला मामला नहीं है। कदाचार के विरुद्ध संत-समाज बराबर आवाज बुलंद कराता रहा है। करीब डेढ़ दशक पूर्व रामनगरी के जानकीघाट मुहल्ला स्थित चारुशिला मंदिर के तत्कालीन महंत भागवत स्वरूप शरण को संत समाज के प्रतिरोध पर पद से हाथ धोना पड़ा। उन पर कुछ वैसा ही आरोप था, जैसा संत समाज की ओर से चंदा बाबा पर लगाया गया है।

दो दशक पूर्व रामनगरी की चुन‍िंंदा पीठ रामवल्लभाकुंज के तत्कालीन महंत देवरामदास वेदांती को भी महंती की गरिमा के विपरीत आचरण की कीमत चुकानी पड़ी थी। बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी में संतों की आचार संहिता पूरी कड़ाई से लागू होती है और आचार संहिता का उल्लंघन पाए जाने पर उन्हें हनुमानगढ़ी से निकाले जाने में वहां की पंचायत पल भर की भी देर नहीं करती।

chat bot
आपका साथी